नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायाधीश सी.एस. कर्णन की छह महीने कैद की सजा स्थगित करने से इनकार कर दिया।
उन्हें अदालत की अवमानना के लिए यह सजा दी गई है। अदालत ने साथ ही कर्णन को जमानत देने से भी इनकार कर दिया।
न्यायाधीश डी. वाय. चंद्रचूड़ और न्यायाधीश संजय किशन कौल की सदस्यता वाली अवकाश पीठ ने कहा कि हम सजा स्थगित नहीं कर सकते, क्योंकि यह सजा सात सदस्यों वाली पीठ ने दी है।
न्यायाधीश कर्णन के वकील मैथ्यू जे. नंदुम्पारा ने पूर्व न्यायाधीश को जमानत देने की अपील की थी, जिस पर पीठ का उक्त फैसला आया।
न्यायाधीश कर्णन को पश्चिम बंगाल पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था। न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि माफ कीजिए, यह नहीं हो सकता।
कर्णन की गिरफ्तारी से 3 दिन पहले से थी पुलिस को उनके छिपने के स्थान की जानकारी
कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश सी.एस. कर्णन को तलाश रही पुलिस की टीम को उनकी गिरफ्तारी से तीन दिनों पहले से उनके छिपने के स्थान के बारे में जानकारी थी। वह तमिलनाडु के कॉयम्बटूर में छिपे थे।
पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राज कनौजिया ने बताया कि हमें उनके बारे में तीन दिन पहले से जानकारी थी। हम उनके करीबियों की फोन कॉल्स ट्रैक कर रहे थे। हमारे अपने सूत्र भी हैं। कनौजिया ने कोलकाता के लिए उड़ान में सवार होने से पहले चेन्न्ई हवाईअड्डे पर यह कहा।
उन्होंने कहा कि यह एक अनोखा मामला है। ऐसा मामला उनके अब तक के सेवाकाल में कभी सामने नहीं आया और शायद आने वाले लंबे समय तक किसी अन्य पुलिस अधिकारी को ऐसा मामला नहीं देखना पड़ेगा। कनौजिया ने कहा कि कर्णन को ट्रैक करना मुश्किल था। यह एक कठिन मामला है।
सर्वोच्च न्यायालय ने कर्णन को अदालत की अवमानना के लिए छह महीने कैद की सजा दी है। पहले उनका पता नहीं लग पा रहा था। बाद में मंगलवार को उन्हें कोयम्बटूर के पास गिरफ्तार कर लिया गया। कर्णन एक महीने से भी ज्यादा समय से गिरफ्तारी से बच रहे थे।