नई दिल्ली/लखनऊ/जयपुर/शिमला/कोलकाता। नोटबंदी के खिलाफ भारत बंद को लेकर देश के अधिकततर राज्यों में विपक्षी दल बिखरा नजर आया। आलम यह हुआ कि तू चल मैं आया कि तर्ज पर कहीं भी विपक्ष में एकजुटता नजर नहीं आई। सुबह से दोपहर तक बाजारों में बेरोकटोक रौनक बनी रही।
दिल्ली में नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस और एनएसयूआई का प्रदर्शन
नई दिल्ली। नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस और उसकी छात्र इकाई एनएसयूआई ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया तो एनएसयूआई ने आक्रोश रैली निकाली। एनएसयूआई ने रायसीना मार्ग से मार्च निकाला और पुलिस ने उन्हें संसद भवन की ओर जाने से रोक लिया।
पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। कांग्रेस का आरोप है कि विदेशों में रखे कालाधन को वापस लाने में सरकार विफल रही है और उसने बिना उचित तैयारी नोटबंदी कर दी जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इससे पहले नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में भी विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी पर कहा कि पीएम को आकर सदन के अंदर हमसे बात करनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने बंद को दिया नैतिक समर्थन
उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी ने भी केवल नैतिक समर्थन देकर बंद से पल्ला झाड़ लिया है। वहीं जनता और व्यापारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय के साथ खड़े दिख रहे हैं। प्रदेश के करीब सभी शहरों में बाजार पूरी तरह खुले हुए हैं।
विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार द्वारा 500 और एक हजार रुपये के पुराने नोट बंद करने के निर्णय में सोमवार को भारत बंद करने का आह्वान किया है लेकिन उत्तर प्रदेश में कल से ही विपक्षियों में बिखराव दिखने लगा था।
जनता दल यूनाईटेड (जदयू) मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नोटबंदी के समर्थन में आने के बाद प्रदेश में उसके साथ हाल ही में गठबंधन करने वाली राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने भी भारत बंद से अपने को अलग कर लिया है।
प्रदेश की सत्तारुढ़ सपा ने बंद को केवल नैतिक समर्थन देने की बात कही है। प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बसपा भी भारत बंद से किनारा कर गई है। कांग्रेस भी बंद को समर्थन न देकर आज प्रदेश भर में जनाक्रोश दिवस मना रही है।
उधर, जनता और व्यापारी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ खड़े दिख रहे हैं। परिणामस्वरुप प्रदेश में बंदी का असर लगभग नहीं के बराबर मिल रहा है। लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, मेरठ, मथुरा समेत प्रदेश के करीब हर बड़े शहर में आज सुबह से ही दुकानें खुली हुई हैं।
लखनऊ स्थित प्रताप मार्केट मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश छाबड़ा का कहना है कि भारत बंद तो दूर कोई भी राजनीतिक दल अभी तक दुकान बंद करने के लिए कहने तक नहीं आया है। पूरा बाजार खुला रहेगा कोई बंदी नहीं है।
भूतनाथ व्यापार मंडल के अध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता कहते हैं कि राजनीतिक दलों से व्यापारी दूर हैं। सिर्फ राजनीति के लिए व्यापारी बाजार बंद नहीं करेंगे। व्यापारियों को समस्या होगी तो आंदोलन किया जाएगा।
दाल एंड राइस मिलर एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि बाजार बंद करने का फैसला राजनीतिक है। व्यापारियों से इसका कोई ताल्लुक नहीं है। पूरा बाजार खुला है। ऐसे में कारोबार बंद करना व्यापारियों के हित में नहीं है।
केन्द्र सरकार के खिलाफ भारत बंद ओडिशा में बेअसर
भुवनेश्वर। केन्द्र सरकार के नोटबंदी के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस व वाम दलों द्वारा मनाए जाने वाले आक्रोश दिवस का ओडिशा में कोई असर नहीं है। राजधानी भुवनेश्वर में सामान्य स्थिती बनी हुई है। दुकानें, ऑटो व बस सेवा आम दिनो जैसे जारी है।
बीजद के मुखिया नवीन पटनायक ने नोटबंदी के निर्णय को साहसिक कदम बता कर स्वागत किया था, लेकिन विपक्षी पार्टियों के आंदोलन को देखते हुए उन्होंने राज्य के शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया है, इस कारण राज्य के शिक्षण संस्थान बंद हैं। बीजद इस आंदोलन में शामिल नहीं हो रही है।
विपक्षी पार्टियों के इस आंदोलन के कारण कोरापुट में सरकारी बस सेवा को बंद किया गया है, लेकिन निजी बसें चल रही हैं। राजधानी भुवनेश्वर में रिजर्व बैंक आफ इंडिया के कार्यालय के सामने वामपंथी पार्टियों के कार्यकर्ता धरना दे रहे हैं। कुछ ही समय बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रसाद हरिचंदन के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता आरबीआई के सामने विरोध प्रदर्शन करने पहुंचने वाले हैं।
कोलकाता समेत राज्य के अधिकांश हिस्सों में बंद बेअसर
कोलकाता। नोटबंदी के खिलाफ वाम दलों के बंद का राजधानी कोलकाता में कोई असर नहीं पड़ा। बंद के बावजूद महानगर का जनजीवन पूरी तरह सामान्य रहा। स्कूल-कॉलेज से लेकर सभी सरकारी व निजी प्रतिष्ठान खुले रहे और उनमें उपस्थिति सामान्य रही। सुबह से ही आम दिनों की तरह रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों पर ऑफिस जाने वालों की भीड़ जुटने लगी। सड़कों पर वाहनों की कोई कमी नहीं देखी गई।
सोमवार सुबह माकपा की ओर से महानगर के जादवपुर 8बी बस स्टैंड से गांगुली बागान तक बंद के समर्थन में रैली निकाली गई। बंद का नेतृत्व कर रहे माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि उनकी ओर से जबरन बंद कराने की कोशिश नहीं की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी के मुद्दे पर तृणमूल और केंद्र सरकार के बीच गुप्त समझौता हुआ है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने बंद को विफल करने के तमाम इंतजाम किए हैं। महानगर की सड़कों पर अतिरिक्त पुलिस बल उतारे गए। शहर के विभिन्न इलाकों में मोबाईल पेट्रोलिंग की जा रही है। भीड़ वाले इलाकों में पुलिस पिकेट लगाए गए हैं। इसके अलावा सॉल्टलेक के आईटी हब में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कोलकाता के अलावा राज्य के अधिकांश हिस्सों में बंद निष्प्रभावी रहा।
हिमाचल में विपक्ष के भारत बंद का धीमा असर
शिमला। नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष के भारत बंद पर कांग्रेस पार्टी ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने साफ किया है कि प्रदेश सरकार बंद में शामिल नहीं होगी। जबकि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविन्द्र सिंह ठाकुर राज्यपाल से मुलाकात कर नोटबंदी के खिलाफ ज्ञापन सौपेंगे। कांग्रेस पार्टी जिला मुख्यालयों पर भी जिलाधीश के माध्यम से ज्ञापन सौंपेगी।
इसके अतिरिक्त भारत बंद में अब हिमाचल में वामपंथी और आम आदमी पार्टी ही भाग लेने जा रही है। राजधानी शिमला को अधिकतर व्यापारियों ने भी भारत बंद में शामिल होने से मना कर दिया है। राजधानी शिमला में सुबह से अधिकतर दुकाने लगी हैं। शिमला में भारत बंद का असर अभी तक देखने को नहीं मिल रहा है।
प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर भी सुबह से दुकाने खुलने से सिलसिला जारी है। वहीं प्रशासन ने भी भारत बंद से निपटने को लिए पूरे प्रबंध किए हुए हैं। एडीजीपी कानून व्यवस्था ने बताया कि अगर कोई जबरन बंद करवाने की कोशिश करता है तो उससे प्रशासन सख्ती से निपटेगा। इसके लिए सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं।
वहीं शिमला के व्यापारियों का कहना है कि नोटबंदी से पहले की धंधा मंदा चल रहा है। ऐसे में भारत बंद से और नुकसान होने की संभावना है। इसलिए वे दुकाने बंद नहीं रखेंगे। वहीं भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ ने कहा कि है कि वे भारत बंदी का जबाव देने के लिए दो घंटे अधिक दुकाने खुली रखेंगे।
मध्यप्रदेश में बंद नहीं, जनाक्रोश रैली में सिमटी कांग्रेस
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर में सोमवार को बंद नहीं किया गया है। केवल फैसले के खिलाफ सोमवार को जन आक्रोश रैली निकाली जाएगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने आम लोगों से रैली में शामिल होकर इस आयोजन को सफल बनाने का आह्वान किया है।
पार्टी अध्यक्ष अरुण यादव ने बताया कि केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ कुछ विपक्षी दलों ने सोमवार को भारत बंद किया है, लेकिन कांग्रेस ने भारत बंद की बात नहीं कही है। इसीलिए मध्यप्रदेश में भी बंद नहीं किया गया है। केवल जन आक्रोश रैली निकाली जाएगी।
उन्होंने कहा कि केन्द्र की भाजपानीत सरकार द्वारा की गई नोटबंदी से पूरा प्रदेश अराजकता के महौल से गुजर रहा है, आमजनों, किसानों, मजूदरों, पेंशनधारियों एवं अन्य वर्गों को हो रही परेशानी हो रही है। इसी परेशानी से निजात दिलाने के लिए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा भोपाल समेत पूरे प्रदेश में केन्द्र सरकार के विरुद्ध जिला मुख्यालयों पर ‘जन आक्रोश पैदल मार्च’ किया जाएगा।
राजधानी भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव के नेतृत्व में दोपहर 1.30 बजे पीर गेट से जन आक्रोश पैदल मार्च प्रारंभ होकर इब्राहिमपुरा, सुल्तानिया रोड़, बुधवारा होते हुए लिली टाकीज (जहांगीराबाद) पर समापन होगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में जन आक्रोश पैदल मार्च में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की है।
उत्त्तराखंड में भारत बंद बेअसर, सभी बाजार खुले
उत्तराखंड। उत्तराखंड में विपक्षी दलों के भारत बंद का असर जनता पर बेअसर होता नज़र आ रहा है। जनता नोट बंदी पर मोदी सरकार के फैसले का समर्थन कर रही है। उत्तराखंड के घंटाघर, पल्टन बाजार, मोतीबाज़ार, बाजार सहित सभी छोटे-छोटे बाजार खुले हैं। पूरे प्रदेश में बंद का कुछ खास असर नहीं नजर आ रहा है।
देहरादून शहर में इंदिरा मार्किट, तिब्बती मार्किट, किशन नगर, बल्लूपुर, दिलाराम बाजार समेत अन्य छोटे-छोटे बाजार भी रोज की तरह खुले हैं। सपा कार्यकर्ताओं ने कुछ जगह पर प्रदर्शन किया पर वह ज्यादा असरदार नहीं था। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में कांग्रेस कार्यकर्ता जुट रहे हैं।
उत्त्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा है कि कांग्रेस भारत बंद में शामिल नहीं है। कांग्रेस नोट बंदी से जनता को रही परेशानी को देखते हुए आक्रोश दिवस मना रही है। उन्होंने बताया कि राजभवन तक मार्च निकालकार राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा।