मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष की ऋण एवं मौद्रिक नीति की तीसरी द्विमासिक एवं अपनी अंतिम मौद्रिक समीक्षा को जारी करते हुए कहा कि घरेलू और वैश्विक हालात को देखते हुए ब्याज दरों को स्थिर रखा गया है।
रेपो रेट में कोई बदलाव न करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट 6.0 प्रतिशत और नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) को भी चार प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है।
रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। घरेलू स्तर पर हाल के महीने में महंगाई में आई तेजी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बने रहने के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत दरों को यथावत बनाए रखा जिससे घर और कार जैसे ऋण के सस्ते होने की उम्मीद लगाए लोगों को इसके लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
इसके तहत रेपो दर 6.5 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 6.0 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4.0 प्रतिशत, बैंक दर 7.0 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर 7.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है।
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने समीक्षा पेश करते हुए बताया कि नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) छह प्रतिशत पर यथावत रखा है। इसके अलावा मार्जिनली स्टैंडिंग फसिलिटी और बैंक दर सात प्रतिशत पर स्थिर रखी गई है। उन्होंने कहा है कि जब भी जरूरत होगी केंद्रीय बैंक तरलता उपलब्ध कराता रहेगा।
रिवर्स रेपो पर ही बैंक अपना पैसा आरबीआई के पास रखते हैं। साथ ही,आरबीआई ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 4 फीसदी पर कायम है।
राजन ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति, सेवाओं की महंगाई और सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के असर के कारण जोखिम है कि मार्च 2017 तक खुदरा मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य के उपर रह सकती है। जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 22 महीने के उच्चतम स्तर 5.8 प्रतिशत पर पहुंच गई।
उन्होंने कहा कि जोरदार बुवाई और मानसून की सकारात्मक प्रगति खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी के लिए अच्छा संकेत हालांकि दालों और अनाजों की कीमत बढ़ रही है।
आरबीआई ने वद्धि के संबंध में सकल मूल्यवर्द्धन (जीवीए) के आधार पर अपना अनुमान 7.6 प्रतिशत पर यह कहते हुए बरकरार रखा कि अनुकूल मानसून से कषि वद्धि तथा ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी और सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के मददेनजर खपत बढ़ने से इसमें मदद मिलेगी। मानसूनी वर्षा फिल हाल औसत से तीन प्रतिशत अधिक है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का स्वागत करते हुए राजन ने कहा कि इससे कारोबारियों का हौसला और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
गवर्नर रघुराम राजन ने रिजर्व बैंक में अपने तीन साल के कार्यकाल को बहुत ही अच्छा बताते देते हुए कहा कि उनके बारे में आलोचकों के त्वरित टिप्पणियों का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्रीय बैंक के प्रमुख के रूप में कुछ उपयोगी योगदान किए हैं जिनका नतीजा अगले 5-6 साल में दिखेगा।
राजन का तीन साल कार्यकाल चार सितंबर को समाप्त हो रहा है और उन्होंने गवर्नर पद का दूसरा कार्यकाल लेने से इंकार कर दिया है। इसके वाद वह पढ़ाई-लिखाई के क्षेत्र में लौट जाएंगे।