चंडीगढ़। आरक्षण कहने को तो ये सिर्फ चार अक्षरों का एक शब्द है, लेकिन इसी एक शब्द ने हाहाकार मचा रखा है। आरक्षण की मांग को लेकर पिछले दिनों हरियाणा में जो कुछ हुआ उसे सोचकर भी कलेजा कांप उठता है।
बहरहाल अब जख्म को भरने और जाटों को मनाने की बारी है। जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी यह साफ कर दिया है कि इसी सत्र में जाट आरक्षण का विधेयक पेश होगा।
वहीं राज्यसभा में जाट आरक्षण के विषय पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि वह नहीं मानते कि जाट आरक्षण के मुद्दे पर केन्द्र और राज्य सरकार से कोई चूक हुई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले का निपटारा कर दिया जाएगा।
केन्द्र ने इसके लिए राज्य सरकार को एक एडवाइजरी भी जारी कर दी है। राज्य सरकार अपने स्तर पर इस मुद्दे का समाधान ढूंढने के लिए जाट प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों और केन्द्र सरकार से बातचीत कर रही है।
हालांकि, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि जहां तक खुफिया जानकारी की बात है तो यह राज्यों से संबंधित है, राज्य सरकार को पता था कि इसके लिए विरोध प्रदर्शन किया जाना था।
सरकार ने इस सारे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। हम सिर्फ उस रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले इसे सरकार की विफलता कहना राज्य सरकार के साथ अन्याय होगा।