इलाहाबाद। संगम नगरी में भाजपा कार्यकारिणी में पधारे पदाधिकारियों के लिए भोजन की विशेष व्यवस्था की गई है। इसमें जहां उत्तर भारत के व्यंजनों को शामिल किया गया है वही दक्षिण भारतीयों के लिए भी उस क्षेत्र विशेष के व्यंजनों का प्रबंध किया गया है।
लेकिन मांसाहारी भोजन के शौक़ीन लोगों को यहां निराशा हो सकती है क्योंकि मेन्यू में सिर्फ शाकाहारी भोजन की ही व्यवस्था है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए खास तौर की खिचड़ी की व्यवस्था की गई है।
कार्यकारिणी में भोजन व्यवस्था का प्रभार देख रहे भाजपा नेता अतुल अवस्थी के अनुसार चूँकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस आशय का स्प्ष्ट निर्देश दिया था कि प्रधानमंत्री सादी मूंग और चावल की बनी खिचड़ी खाएंगे लिहाज़ा उनके लिए इसकी व्यवस्था की गई है।
गौरतलब है कि इलाहाबाद में खिचड़ी का पौराणिक महत्व है। प्रसिद्ध मकर संक्रांति का त्यौहार भी यहां खिचड़ी के नाम से मशहूर है। संगम की रेती पर यहां प्रतिवर्ष लगने वाला माघ मेला भी अकसर खिचड़ी त्यौहार के दिन से ही प्रारम्भ होता है।
अवस्थी ने बताया कि कार्यकारिणी के दौरान बैठक में भाग लेने वाले सभी नेताओं को यहां तीन वक्त भोजन कराया जाएगा। भोजन में तेल व मसाले अत्यन्त सीमित मात्रा में प्रयुक्त होंगे। लोगों को खाने में मुख्य रूप से तवे की रोटी, दाल, चावल और तरोई, निनवा, भिण्डी व लौकी की सब्जी होगी।
एक मीटिंग पनीर की सब्जी भी बनवाने की व्यवस्था की गई है। व्यंजनों में कढ़ी भी परोसी जाएगी। मीठे में खीर और इलाहाबाद का प्रसिद्ध रसगुल्ला शामिल होगा।
दक्षिण भारतीय लोगों के लिए डोसा और इडली जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन भी उपलब्ध रहेंगे। जैन समाज के लोगों या जो लोग बिना लहसुन-प्याज का खाना खाते हैं उनके लिए भोजन पंडाल में बगैर लहसुन और प्याज के बनाया गया भोजन उपलब्ध होगा। इसके लिए पंडाल में अलग स्टाल लगेगा।
भोजन पंडाल में करीब एक हजार लोगों को खाने की व्यवस्था रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय कार्यसमिति के करीब 350 लोग भोजन करेंगे, जबकि 550 अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों के भोजन की अलग व्यवस्था रहेगी।