

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर गुरूवार को लखनऊ में एक बड़ा खुलासा किया। माया ने पहली बार बताया कि कांशीराम के साथ उन्होंने अपनी स्वयं की मूर्तियां क्यों लगवाईं?
मायावती ने बताया कि उन्होंने कांशीराम के जीते जी लखनऊ में बुद्धजीवी प्रेरणा केंद्र बनाकर दलित चेतना के मसीहा कांशीराम की मूर्ति लगवाई। इसके बाद कांशीराम ने उनसे कहा कि तुम मेरी उत्तराधिकारी हो इसलिए मेरी प्रतिमा के साथ अपनी प्रतिमा भी लगवाओ।
बसपा सुप्रीमो ने बताया कि कांशीराम के इस आदेश के अनुपालन में मैंने उनके साथ अपनी भी प्रतिमा लगवाई। उन्होंने कहा कि कांशीराम की प्रतिमा उनके विचारों के प्रचार प्रसार के लिए लगवाई गयीं, लेकिन विरोधियों ने इसका भी विरोध किया। यह उनकी मानसिकता के बारे में बताती है।
मायावती ने कहा कि हाथियों की प्रतिमा स्वागत के लिए लगवाई गयी हैं। विरोधी कहते हैं कि इससे हम अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह का प्रचार कर रहे हैं, जबकि वे लोग भी शुभ कार्य प्रारम्भ करने से पहले हाथी की पूजा करते हैं।
इस दौरान मायावती ने दलितों को सावधान करते हुए कहा कि विपक्षी दल इस तरह के तमाम गलत प्रचार के माध्यमों से हमारे लोगों को बहकाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हें इस तरह की साजिशों से सावधान रहने की जरूरत है।