नई दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में व्याप्त भ्रष्टाचार से जुड़ी दिल्ली सरकार की जांच रिपोर्ट में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम का उल्लेख नहीं है।
सतर्कता विभाग के प्रधान सचिव चेतन सांघी की अगुवाई वाली तीन-सदस्यीय समिति की रिपोर्ट में जेटली का उल्लेख किए बिना कई अनियमितताओं के बारे में कई टिप्पणियां की गई हैं।
इसमें अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना कॉरपोरेट बॉक्सों का निर्माण तथा आयु पुष्टि प्रमाणपत्र में धोखाधडी की शिकायतें शामिल हैं। समिति ने डीडीसीए के मामलों में कोई भी कार्रवाई नहीं करने के लिए बीसीसीआई को आड़े हाथ लिया है।
रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट से अनुरोध करना चाहिए कि न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की क्रिकेट के कामकाज को युक्तिसंगत बनाने की सिफारिश को लागू किया जाए।
आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढ़ा समिति, बीसीसीआई के कामकाज के तरीकों में सुधार के लिए अपनी सिफारिशों पर काम कर रही है।
जानकारी हो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि सीबीआई ने उनके कार्यालय पर डीडीसीए की फाइलों का पता लगाने के लिए छापा मारा था। जेटली 1999 से 2013 के बीच डीडीसीए के अध्यक्ष थे और वह इस समय विपक्ष के निशाने पर हैं।