जयपुर। राजस्थान में अब स्कूल, अस्पतालों आदि के 15 मीटर के दायरे में मोबाइल टावर नहीं लगाए जा सकेंगे। सरकार ने राजस्थान टेलिकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी बनाई है और इसी में यह प्रावधान किए हैं।
पहले जहां आबादी क्षेत्रों में आसानी से मोबाइल टावर लग जाया करते थे, वहीं अब आबादी क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने का कड़ा विरोध होता है। जबकि बेहतर कनेक्टिविटी के कारण मोबाइल टावर जरूरी है।
अब तक इस बारे में कोई नीति नहीं होने के कारण अक्सर विवाद की स्थिति बनती थी। इसी को देखते हुए अब सरकार ने मोबाइल टावर लगाने के लिए एक नीति बनाई है। यह नीति दूरसंचार मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन्स के आधार पर तैयार की गई है।
नीति के प्रमुख प्रावधान
– दूरसंचार विभाग को निर्धारित रेडिएशन स्तर की कड़ाई से पालना करनी होगी।
– स्कूल, अस्पताल और खेल के मैदान के 15 मीटर के दायरे में मोबाइल टावर नहीं लगाया जा सकेगा।
– जेल के 500 मीटर के दायरे में मोबाइल टावर नहीं लगाया जा सकेगा।
– किसी संरक्षित स्मारक के 300 मीटर के दायरे में मोबाइल टावर नहीं लगाया जा सकेगा। इसके लिए पुरातत्व संरक्षण विभाग से अनुमति लेनी होगी।
– हैरिटेज क्षेत्र में लगाए जाने वाले टावर की डिजाइन ऐसी होगी जो वहां के हैरिटेज को खराब न करे।
– नगरपालिका क्षेत्र के आयुक्त की मंजूरी के बाद ही मोबाइल टावर लगाया जा सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी अनुमति उपखण्ड अधिकारी से लेनी होगी।
– ट्रेफिक पुलिस के अनापत्ति प्रमाण पत्र के बाद ही टावर लगाया जा सकेगा।
– लोगों की शिकायतों को सुनने के लिए टेलिकॉम एन्फोर्समेंट रिसोर्स एंड मॉनिटरिंग सेल बनाया जाएगा।