नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को वर्ष 2007 में पानीपत के पास समझौता एक्सप्रेस में हुए बम विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। हालांकि जांच एजेंसी ने कहा है कि वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में उनके खिलाफ जांच चल रही है।
एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार के अनुसार लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित के खिलाफ समझौता विस्फोट मामले में कोई साक्ष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि वह कभी भी आरोपी नहीं था।
पानीपत विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित का नाम जोडे जाने पर हैरानी जताते हुए उन्होंने कहा कि मुझे हैरानी है कि समझौता विस्फोट मामले में उसका नाम क्यों जोड़ा जा रहा है।
कुमार ने कहा कि वर्ष 2008 में मालेगांव विस्फोट के संबंध में एटीएस मुंबई ने पुरोहित के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और इस मामले में एनआईए जांच कर रहा था।
जांच एजेंसी ने इस संबंध में आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। इसमें नभ कुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद, दिवंगत सुनील जोशी उर्फ सुनीलजी, रामचंद्र कलसंगरा, संदीप दांगे (दोनों फरार हैं), लोकेश कुमार, कमल चौहान, अमित और राजेंद्र चौधरी के नाम शामिल हैं।
पहला मामला 18 फरवरी, 2007 का है। हरियाणा के पानीपत के पास अटारी एक्सप्रेस (समझौता) ट्रेन में विस्फोट होने के बाद डिब्बों में आग लगने से 68 लोगों की मौत हो गई थी। दूसरा मामला 29 सितंबर, 2008 का है। महाराष्ट्र के मालेगांव में बम विस्फोट में चार लोग मारे गए थे।