नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार किया है कि उन्होंने गत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ स्तरहीन भाषा का इस्तेमाल किया था। हालांकि उन्हें इस पर जरा भी अफसोस नहीं है क्योंकि मैं दिल से बोलता हूं। प्रधानमंत्री लच्छेदार भाषा बोलते हैं, लेकिन उनके कृत्य अच्छे नहीं हैं।
केजरीवाल ने अपने प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के कार्यालय में सीबीआई छापे के बाद 15 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ‘कायर’ और ‘मनोरोगी’ शब्दों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद केजरीवाल के खिलाफ एक निजी आपराधिक शिकायत दाखिल की गई है।
पेशे से वकील शिकायतकर्ता ने आईपीसी की धारा 124-ए (देशद्रोह) और 500 (मानहानि) के तहत केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मांग की है। यह अर्जी तीस हजारी अदालत में दाखिल की गई, जिस पर 4 जनवरी, 2016 को सुनवाई होगी।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्ताधारी भाजपा उनके खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि मुझे सीबीआई से डर नहीं लगता है, मेरे खिलाफ कोई भी जांच करा लीजिए। केजरीवाल ने कहा कि मैं केवल दिल्ली के लिए काम करना चाहता हूं, मुझे इसका श्रेय लेने की भी इच्छा नहीं है। हमें केवल काम करने दिया जाये लेकिन केंद्र सरकार ऐसा नहीं करने दे रही है।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ में भ्रष्टाचार के विषय में अरुण जेटली को कई बार बताया गया। वे डेढ दशक तक डीडीसीए के अध्यक्ष थे और इतने बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ। जब हमने कहा कि डीडीसीए में भ्रष्टाचार है तो उन्होंने इस पर कार्रवाई करने के बजाये हम पर ही मानहानि का मुकदमा कर दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तय करना चाहिए कि क्या वित्त मंत्री अरुण जेटली को बचाने के लिए डीडीसीए की जांच को अमान्य किया जाना चाहिए या नहीं।