नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्यनिधि (ईपीएफ) पर टैक्स की खबरों के बाद चौतरफा विरोध झेल रही केंद्र सरकार के मंत्री एवं अधिकारी अब इस पूरे मामले पर सफाई दे रहे हैं।
एक ओर जहां वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने ट्विट कर पूरे मामले की विस्तापूर्वक व्याख्या की बात कही, हिस वहीं राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने भी अब इस पूरे मामले को आम लोगों के सामने विस्तार से रखा।
संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट में ईपीएफ पर टैक्स के मामले में राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने ट्वीट करके सफाई दी है कि केंद्र सरकार ने बजट में ईपीएफ पर मिलने वाले ब्याज के 60 फीसदी पर टैक्स की बात की थी, ना कि ईपीएफ की पूरी रकम पर।
ब्याज में भी 40 फीसदी पूरी तरह से टैक्स फ्री रहेगा। इतना ही नहीं पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) पर सभी तरह की टैक्स छूट पहले की तरह ही जारी रहेंगी।
साथ ही 15 हजार रुपए मासिक तक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को ईपीएफ के ब्याज के 60 फीसदी पर टैक्स वाले इस प्रस्ताव से बाहर रखा जाएगा। यह प्रावधान सिर्फ 15 हजार रुपए मासिक से ज्यादा वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए होगा।
वहीं वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले पर हो रहे विरोध को देखते हुए अब प्रधानमंत्री इस पर फैसला ले सकते हैं। जानकारी हो कि मोदी सरकार के गरीब और किसानों के इस बजट से बौखलाएं विरोधियों ने इस मुद्दे को तूल देना शुरु कर दिया है।