लखनऊ। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को नोएडा के सेक्टर-62 में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे की नींव रखेंगे लेकिन इस मौके पर यूपी के सीएम अखिलेश यादव उनकी अगावानी नहीं करेंगे।
कयास लगाया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सलाहकारों ने उन्हें यह सलाह एक अंधविश्वास को आधार बनाकर दिया है। कहा जा रहा है कि जिसने भी नोएडा के किसी कार्यक्रम में शिरकत की, उनके सिर यूपी का ताज दोबारा नहीं चढ़ पाया।
नोएडा के सेक्टर-62 में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे की नींव गुरुवार को रखी जानी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी के लिए नोएडा आ रहे हैं। लेकिन पीएम की अगवानी यूपी के सीएम नहीं करेंगे। इसके लिए उनके प्रतिनिधि के रूप में पंचायती राज मंत्री कैलाश चैरसिया पीएम की अगवानी करेंगे।
आईजी लॉ एंड ऑर्डर ए. सतीश गणेश की मानें तो पीएम के प्रोग्राम में शामिल होने के लिए सीएम के जाने की कोई सूचना नहीं है। पीएम के कार्यक्रम में जाने के लिए ऑफिस ने मंत्री कैलाश चैरसिया का नाम भेजा है। सीएम के नोएडा आने का कोई प्रोग्राम हमें नहीं बताया गया है।
जो नोएडा गया, दोबारा सत्ता में लौट पाया
नोएडा से जुड़े अंधविश्वास के मुताबिक पिछले 25 साल से यह सिलसिला चला आ रहा है कि, जिस किसी भी सीएम ने नोएडा के कार्यक्रम में शिरकत की, वह सत्ता में नहीं लौट पाया। सीएम अखिलेश को भी नोएडा जाने का कई मौका मिला, लेकिन वे नहीं गए। नोएडा की सभी विकास योजनाओं की घोषणा सीएम ने लखनऊ में रहकर ही किया।
नोएडा जाने के बाद इन्हें दोबारा नहीं मिला सत्ता सुख
नोएडा जाने के बाद सत्ता में न लौट पाने की लंबी फेरहिस्त है। इसमें बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती भी शामिल हैं। उन्होंने वर्ष 2011 में इस अंधविश्वास को तोडऩे की कोशिश की थी, लेकिन 2012 विधानसभा चुनाव में करारी हार की वजह से उन्हें सत्ता नहीं मिल पाई।
वीर बहादुर सिंह, नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह और राम प्रकाश गुप्ता भी इस लिस्ट में शामिल हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीएम रहते हुए नोएडा में बने फ्लाईओवर का उद्घाटन किया था। 1995 में मुलायम नोएडा गए और उसके बाद अगले चुनाव में उनकी पार्टी हार गई।