सबगुरु न्यूज-सिरोही। छात्रसंघ चुनावों की नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार को हो गई। नामांकन के बाद नामांकन पत्रों की जांच भी हो गई। राजकीय महिला महाविद्यालय में महासचिव और संयुक्त सचिव पद पर मात्र एक-एक नामांकन ही प्राप्त हुआ है। ऐसे में इन दोनों पदों पर नामांकन करने वाली दोनों छात्राओं को निर्विरोध निर्वाचन तय है।
काॅलेज निदेशालय की ओर से जारी शिड्युल के अनुसार राज्य भर के महाविद्यालयों के साथ सिरोही के महाविद्यालयों में भी छात्रसंघ चुनावों के लिए शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया गया। सिरोही राजकीय महाविद्यालय में अध्यक्ष पद पर पांच प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए हैं। इनमें आदर्श राजपुरोहित, गोपाल माली, गोविंदसिंह, मनोज माली, नवरतनसिंह शामिल हैं। उपाध्यक्ष पद के लिए अमृत कुमार, राकेश मेघवाल और कैलाशकुमार ने नामांकन दाखिल किया है। इसी तरह महासचिव पद के लिए आशीष कुमार मीणा, गोविंद कुमार प्रजापत और कोशिक राजपुरोहित ने तथा संयुक्त सचिव पद के लिए अनिताकुमारी, मेघराज मीणा व उमेशकुमार ने नामांकन दाखिल किया है।
वहीं राजकीय महिला महाविद्यालय में अध्यक्ष पद के लिए रंजना कुमारी माली व प्रियंका कंवर ने, उपाध्यक्ष पद के लिए खुशबु गुप्ता व रंजना कुमारी ने नामांकन दाखिल किया है। महासचिव पद पर गुडिया कुमारी व संयुक्त सचिव पद के लिए सिर्फ निरमाकुमारी ने ही नामांकन दाखिल किया है। दोनों के खिलाफ कोई दूसरा प्रत्याशी नहीं है।
-कक्षा प्रतिनिधि के लिए नहीं उत्साह
दोनों ही महाविद्यालयों में गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी कक्षा प्रतिनिधियों के पद के लिए नामांकन को लेकर कोई उत्साह नहीं देखा गया। राजकीय महाविद्यालय में कक्षा प्र्रतिनिधियों के साठ पदों के विपरीत मात्र 8 पदो के लिए ही नामांकन दाखिल किए गए हैं तो राजकीय महिला महाविद्यालय में एक भी प्रत्याशी ने कक्षा प्रतिनिधि के लिए नामांकन दाखिल नहीं किया है।
-दो प्रत्याशी बिगाड सकते हैं गणित
सिरोही में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के चुनाव सबसे ज्यादा रोचक और रणनीति से लडे जाने वाले होते हैं। इस बार भी यही स्थिति है। एबीवीपी ने इस बार गोपाल माली को अपना प्रत्याशी बनाया है। इन चुनावों में जातिगत गणित भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एबीवीपी को राजपुरोहित समाज का अच्छा समर्थन होता है। वहीं गोपाल माली की जाति का एक माली प्रतिनिधि ने भी नामांकन दाखिल किया है। यदि शनिवार को नाम वापसी की तिथि के दिन यह दोनों प्रत्याशी अपना नामांकन वापस नहीं लेते तो एबीवीपी की गणित फेल हो सकती है।
वहीं एनएसयूआई के प्रत्याशी को अम्बेडकर छात्र संगठन की ओर से समस्या हो सकती है। इस संगठन ने सभी पदों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। वैसे चुनाव महाविद्यालय में हो रहे हैं, लेकिन इसमें साख सत्ताधारी दल की मुख्यधारा के नेताओं की दांव पर लगी हुई है। ऐसे में वोट कटुआ प्रत्याशियों का नाम वापस लेने के लिए भी शुक्रवार को नामांकन के बाद से रणनीति बनाई जाने लगी है। पूरी स्थिति शनिवार को नाम वापसी के बाद पता चल पाएगी।