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प्राचार्य की दबंगई, रेलवे भर्ती परीक्षा से चूके कई परीक्षार्थी - Sabguru News
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प्राचार्य की दबंगई, रेलवे भर्ती परीक्षा से चूके कई परीक्षार्थी

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northern railway recruitment exam 2014

अजमेर। नार्थ वेस्टर्न रेलवे की ओर से रविवार को आयोजित आरआरसी परीक्षा में कई परीक्षार्थी स्थानीय परीक्षा केंद्र पर थोपे गए अनाश्वक नियमों के कारण परीक्षा देने से वंचित रह गए। कही जन्म प्रमाण पत्र तो कहीं फोटो पहचान पत्र में अंकित नाम में त्रुटि का हवाला देते हुए कई छात्रों को परीक्षा टाइम पूरा होने का हवाला देकर परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया गया।

northern railway recruitment exam 2014

ऐसा ही एक वाकया शहर के राजेन्द्र स्कूल में हुआ। यहां भी शर्त थोप दी गई कि पहचान पत्र की कॉपी मान्य नहीं  है ऑरीजनल वोटर आईडी, आधार कार्ड व अन्य दस्तोज प्रस्तुत करने पर ही प्रवेश दिया जा रहा था। कुछ परीक्षार्थियों द्वारा ऑरिजनल और सत्यापित प्रति दिखाए जाने के बाद भी उन्हें प्रवेश से वंचित कर दिया गया। जब इस मामले में स्कूल प्रशासन के गेट पर मौजूद प्रनिधियों से पूछा गया तो उन्हें सारा दोष रेलवे के अधिकारियों के मत्थे मढ दिया। जबकि स्कूल के बाहर या भीतर परीक्षार्थियों के लिए चस्पा निर्दशों में कहीं भी यह नहीं लिखा था कि परीक्षार्थियों को ऑरिजनल कॉपी लाई जरूरी है।

northern railway recruitment exam 2014

इसी तरह आशागंज स्थित संत कंववरराम में परीक्षा देने आए कई परीक्षार्थियों को भी स्कूल प्राचार्य सरस्वती देवी ने दस्तावेजों के नाम पर स्कूल के मुख्ख्य द्वार के भीतर तक भी प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी। उन्होंने बाकायदा एक चपरासी गेट पर तैनात कर दिया जो यह तय कर रहा था कि किसके पास कागजात पूरे हैं। यह समझ से परे है कि परीक्षार्थियों  के परीक्षा केन्द्र में  प्रवेश करने देने या उन्हें  बाहर ही रोक देने का फैसला एक चपरासी के भरोसे कैसे छोड़ दिया गया।

हालात की खबर मीडिया तक भी पहुंची तो प्रचार्य ने यह कहते हुए बात करने से मना कर दिया कि स्कूल में क्या हो रहा है कैसे हो रहा है इसका फैसला करने का हक उन्हें हैं। कुछ परीक्षार्थियों को कागजात पूरे होने पर भी रोके जाने की शिकायत पर उन्होंने कहा कि ऐसा किसी के साथ नहीं हुआ है। जबकि सेंटर के बाहर ऐसे कई छात्र मीडिया वालों को अपने समस्त कागजात दिखा रहे थे।

झुंझुनं से आए एक परीक्षार्थी दिनेश मीणा ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि वह समय से पहले ही संत कंवरराम स्रूकूल पहुंच गया था पर जन्मप्रमाण पत्र न होने से उसे परीक्षा के बैठाने से रोक दिया गया। परीक्षा केन्द्र  में मौजूद पर्यवेक्षक को जब इस बारे में शिकायत की तो उन्होंने निर्धारित समय तक प्रतिलिपी लाने की शर्त रख्ख दी। आनन फाइन करीब  के साइबर कैफै से दसवीं कक्षा की मार्कशीट की प्रति निकलवाई, सेंटर पर पहुंच भी गया पर उसे गेट से भीतर प्रवेश नहीं करने दिया गया।

परीक्षा में शामिल न हो पाने से निराश दिनेश ने बताया कि वह गरीब परिवार से है। मेरे पिता ने पैसे उधर लेकर परीक्षा की तैयारी करवाई थी। अब परीक्षा नहीं दे पाया, किस मुंह से घर लौटूं।  इस बारे में  जब स्कूल की प्राचार्य का पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन तक नहीं उठाया।

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