सबगुरु न्यूज(परीक्षित मिश्रा)-
सिरोही। आश्चर्यजनक किंतु सच है यह कि जिले में भाजपा और सरकार दोनों ही अनाथ नजर आ रहे हैं।
इनकी भद पीटने वालों के खिलाफ जिला भाजपा का कोई पदाधिकारी और कार्यकर्ता आज तक आगे नहीं आया, लेकिन जब पार्टी के नाराज कार्यकर्ताओं ने भाजपा के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी का पुतला जलाया तो कई पदाधिकारी आगे आकर इसकी निंदा करने और विरोध करने के लिए मीडिया में आ गए। इसे चापलूसी कहें या पार्टी और सरकार के प्रति निष्ठा का अभाव, लेकिन यह सिरोही में देखने को मिल रहा है। वैसे भाजपा में विश्वास रखने वाले मतदाता उन भाजपाइयों की नीयत पर भी शंका कर रहे हैं जो पार्टी में पद लेने के इच्छुक तो हैं लेकिन पार्टी पर अंगुली उठने पर उसके साथ आकर खड़े नहीं होते हैं।
क्यों नहीं देते कांग्रेस की मार का जवाब
सिरोही जिले में सरकार का मतलब है खुद यहां के विधायक ओटाराम देवासी। जो कि राज्य सरकार के मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री के रूप में यह खुद जिले में सरकार के प्रतिनिधि या सरकार हैं।
खुद पार्टी पदाधिकारियों व असंतुष्ट कार्यकर्ताओं का कहना है कि सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढ़ा और अन्य कांग्रेसी नेताओं ने ओटाराम देवासी और भाजपा पर पिछले छह महीनों में इतने संगीन आरोप लगाकर प्रहार किए हैं, जो पार्टी और सरकार दोनों की ही छवि खराब करने वाले थे। इसके बावजूद लुम्बाराम चौधरी का पुतला जलाने के दौरान उनके समर्थन में आए कोई भी पार्टी पदाधिकारी लोढ़ा की काट करने के लिए मीडिया में नहीं आए और न ही लोढ़ा की ओर से भाजपा पर लगाए गए भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों का खण्डन और पलटवार करने के लिए आगे आए।
असंतुष्टों का कहना है कि कांग्रेस के सांसद, विधायक, सिरोही भाजपा बोर्ड और भाजपा पर लगाए गए आरोपों पर चुप्पी और चौधरी के पुतला जलाने के विरोध में खुलकर मीडिया में चौधरी के समर्थन में उतर जाना एक ही बात सिद्ध करता है कि यह सभी लोग सांसद, मंत्री ओटाराम देवासी और पार्टी के धुर विरोधी हैं। इनकी चुप्पी से कई मायनों में यह बात पुष्ट भी होती है। पार्टी में तो यह चर्चा भी चलने लगी है कि यही लोग कांग्रेस का मौन समर्थन करके पार्टी और सरकार की छवि खराब करने में लगे हुए हैं। इसी कारण कांग्रेस के आरोपों पर चुप्पी धारे हुए हैं।
असंतुष्ट खेमे का यह भी कहना है कि शर्मनाक बात यह है कि लुम्बाराम चौधरी के विरोध का विरोध करने और सांसद, विधायक और भाजपा पर आरोपों की झड़ी लगाने वाली कांग्रेस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताने वाले सभी लोग जिला भाजपा के प्रमुख पदाधिकारी हैं। सिर्फ चौधरी के पुतला जलाने पर ही इनका विरोध जताना यही दिखाता है कि इन्हें पार्टी, सरकार, प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी और सांसद के प्रति कोई निष्ठा नहीं है। यदि निष्ठा होती तो यह लोग कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते, लेकिन ऐसा नहीं किया।
कायदे से पार्टी का सिपाही होने पर आरोपों का विरोध और पलटवार करने की सांगठनिक और नैतिक जिम्मेदारी इन्हीं की है। यह लोग पद लोलुपता में व्यक्ति विशेष के प्रति निष्ठा पाल रहे हैं। इस पर भी यदि यह लोग पार्टी में प्रमुख पदों पर बने रहते हैं तो इससे भाजपा का भविष्य का अंदाजा लगाना कोई मुश्किल काम नहीं होगा।
एक नजर आरोपों पर
सरकार और भाजपा पर कांग्रेस ने संगीन आरोप लगाए हैं। इनमें लापसी खाने में व्यस्तता से लेकर बोरी में पैसे भरकर ले जाने, अधिकारियों के चंंदा वसूली में सहयोग करने से लेकर नगर परिषद सिरोही के भ्रष्टाचार के पैसों से चुनाव लडऩे तक के आरोप शामिल हैं।
इतना ही नहीं सरकार की मुखिया पर भी गंभीर आरोप लगाए गए, इसके बावजूद लुम्बाराम चौधरी के पुतला दहन के दौरान मीडिया रिपोर्टों के अनुसार उनके समर्थन में उतरे जिला पदाधिकारी दिनेश बिंदल, सूरजपालङ्क्षसह, हेमंत पुरोहित, रोहित खत्री, हरीश दवे, जूूझारसिंह, मंडल अध्यक्ष भवानीसिंह पाडीव, वेलाराम पुरोहित, कुपाराम, गणेशराम आदि कभी भी भाजपा, मुख्यमंत्री, सांसद, प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी पर लगाए गए आरोपों का खण्डन और पलटवार करने के लिए मीडिया में नहीं आए। खुद भाजपाइयों का कहना है कि यह लोग ऐसा करके कांग्रेस का समर्थन और अपनी ही पार्टी के दुश्मन बने हुए हैं।