इस वर्ष के अप्रेल फूल दिवस के लिए तो काफी देर हो गई है पर यह फिर आएगा। कुछ लोग बुद्धिमता को अन्य लोगों को धोखा दे पाने की क्षमता से मापते है। क्या यह मूर्ख बनाने वाले की बुद्धिमता को दर्शाता है अथवा मूर्ख बनने वाले की बेवकूफी को, एक बहस का विषय है। पर अगर यही मानदंड है तो पशु अत्यधिक बुद्धिमान है।
मार्टिन स्टीवन्स द्वारा लिखित एक पुस्तक में मादा बोलस मकड़ी एक प्रमुख स्थिति धारित किए हुए है। मादा बोलस मकड़ी एक चिपचिपी सामग्री की झूलती हुई बॉल बनाती है जो बोलस नामक एक प्राचीन हथियार जैसी दिखती है। फिर वह एक ‘झूले जैसी रस्सी’ को झुलाती है जिसमें वनस्पति के दो टुकड़े जुड़े होते हैं तथा मादा मॉथ के फेरोमॉन्स की नकल करने वाले रसायनों को छोड़ती है।
जब नर मॉथ सखा की तलाश में सामने आता है, तो मकड़ी चिपचिपे बोलस को झुला कर उसे पकड़ लेती है। एक भक्षक होना आसान नहीं है। कइयों को शिकार का पीछा करना पड़ता है और वे यदा-कदा की सफल होते हैं। कुछेक इस प्रक्रिया में चोटिल भी हो जाते हैं। इस प्रकार, कुछ भक्षकों ने अपने शिकार को पकडऩे के लिए विशेष तरीके विकसित कर लिए हैं।
कैंटिल मध्य अमरीका में पाया जाने वाला एक पिट वाइपर सांप है। इसका काटना काफी जहरीला होता है परंतु अपने छोटे भारी शरीर के चलते यह अपने शिकार मेंढक, पक्षियों तथा छिपकलियों को पकडऩे के लिए तेज नहीं हिल सकता। इसलिए यह एक उपकरण का उपयोग करता है। इसकी पूंछ में एक चमकीला पीला या सफेद किनारा होता है और गहरे रंग का सांप अपनी पूंछ हिलाते हुए कोई छटपटाता हुआ कीड़ा लगता है। चूंकि इसके शिकार का भोजन कीड़े होते हैं, वे लालच में फंस जाते हैं। जैसे ही वे सांप की पहुंच में आते हैं, वह हमला कर देता है।
एलीगेटर स्नैपिंग कछुआ अपने मुंह से ऐसा करता है। वह पानी में बिना हिले-डुले पड़ा रहता है और अपने खुले जबड़े के साथ एक हानिरहित पत्थर जैसा दिखता है। इसकी जीभ में एक मांस का अंग होता है जो कीड़े जैसा दिखता है, और कछुआ अपने इस अंग को हिला भी सकता है जिससे यह और अधिक कीड़े जैसा लगता है।
छोटी मछली, मेंढक और यहां तक कि अन्य कछुए भी अक्सर चकमा खा जाते हैं कि उसे भोजन मिल गया है, पर जैसे ही वह कीड़े पर हमला करने के लिए एलीगेटर स्नैपिंग कछुए के जबड़े में प्रवेश करते हैं, कछुआ अपना मुंह अत्यधिक बल के साथ बंद करके अपने शिकार को मार देता है।
एंगलरफिश पानी के नीचे रहती है जहां अंधेरा व्याप्त होता है। मादा के मुख के ऊपर मछली पकडऩे वाले खंबे जैसी एक कील निकल रही होती है। कील के सिरे पर एक बल्ब जैसा अंग होता है जिसमें चमकने वाला बैक्टीरिया होता है, जिसमें से जुगनू के समान ही नीला-हरा प्रकाश निकल रहा होता है।
शेष एंगलरफिश को देखा नहीं जा सकता। जब कोई मछली या इन्वर्टीबेट ललचाते हुए निकट आता है, तो एंगलरफिश उसे पूरा निगल लेती है। इसका पेट और हड्डियां काफी लोचशील होते है और मछली को अपने आकार से दुगने आकार के शिकार को निगल पाने को समर्थ बनाते हैं।
चिचलिड अपने प्रवास में शीर्ष भक्षक और बड़ा बहरूपिया है। एक अत्यधिक विचित्र और छलावे के घिनौने रूप में पूर्वी अफ्रीका की लेक मलावी के निम्बोक्रोमिस चिचलिड झील के तल पर साइड की और बेजान से पड़े रह कर अपनी मौत का छलावा करते हैं। जब कोई उत्सुकतापूर्ण सफाई करने वाली मछली आती है तो वह शव एकाएक एक अत्यधिक घातक भक्षक के रूप में ‘पुन: खड़ा’ हो जाता है, और तेज गति से झपटते हुए उत्सुकतावश जांच करने वाले को झपट लेता है।
अपने शिकार को धोखा देने के लिए, दक्षिण अमरीका की ताजे पानी की लीफ मछली ढीली सी दिखते हुए पानी में तैरती है और धुंधले पानी में तैरती हुई कोई एक मरी हुई पत्ती जैसी दिखती है। जब कोई मछली सामने से गुजरे तो आलस के साथ तैर रही यह ‘पत्ती’ एकाएक बिजली की गति से झपटते हुए अपने शिकार को एक घातक पकड़ में जकड़ लेती है। लीफ मछली का जबड़ा उसके आकार की तुलना में काफी बड़ा होता है जो उसे उसके आकार से बड़े शिकारों को पकड़ पाने को समर्थ बनाता है।
भोजन को चुराना भक्षण का एक अन्य रूप है। जहां शक्तिशाली पक्षियों का एक बड़ा समूह अपने शत्रु को धमकाता है, वही दूसरी ओर फोर्क-टेल्ड ड्रोन्गो के नाम से जाना जाने वाला एक छोटा, कमजोर अफ्रीकी सॉन्गबर्ड चालाकी दिखाते हुए मीरकाट की खतरे की आवाजे निकाल कर मीरकाट (वीसल के संबंधी) को अपना शिकार छोडऩे पर मजबूर करता है। उसके बाद ड्रोन्गो छोड़ा हुआ भोजन खाता है।
छोटे कापूचिन जिन्हें बड़े बंदरों द्वारा दबंगई दिखाए जाने के चलते अपनी मर्जी का भोजन नहीं मिलता, अतिरिक्त भोजन पाने के लिए खतरे की छलने वाली आवाजे निकालते हैं। छोटे निचले दर्जे वाले थोड़ी दूर जाकर शेर के आने की चेतावनी देने के लिए हिचकी जैसी आवाजें निकालते हैं। यह नकली खतरे का संकेत कार्य करता है क्योंकि भक्षकों का खतरा काफी वास्तविक होता है परंतु बड़े कापूचिन को देर तक धोखा नहीं दिया जा सकता, इसलिए इसमें भोजन छीनने वाले धोखेबाज के लिए झपट कर भाग जाने जितना ही मौका होता है।
फोटीनस जुगनू एक-दूसरे के साथ संप्रेषण हेतु अपने प्रकाश का उपयोग करते हैं – आमतौर पर किसी सखा को आकर्षित करने हेतु। मादा उड़ नहीं सकती। प्रजनन के मौसम के दौरान फोटीनस नर भूमि से ऊपर उड़ते हुए मादाओं को आकर्षित करने के लिए चमकते हैं। मादाएं नरों को देखती हैं और अपनी चमक से प्रतिउत्तर देती है। फोटूरिस जुगनू आता है।
यह जीव अन्य प्रजातियों की मादाओं की जासूसी करता है और उनकी चमक की नकल करके सीधे-सादे नर को आकर्षित करता है। जब नर प्रजनन करने के लिए भूमि पर उतरते हैं, तो फोटूरिस जुगनू उन पर तेजी से हमला करके उन्हें निगल लेता है।
क्लीनर रास मछली किसी बड़ी मछली के पास आकर भोजन के बदले उसके ऊपर से परजीवी तथा मृत त्वचा को हटाने की पेशकश करती है। अनूठे रंगों के साथ ‘नृत्य’ का प्रदर्शन बड़ी मछली को यह सूचित करता है ये सेवा करने वाले जीव हैं, उसका भोजन नहीं।
क्रूर और लंबे दांतों वाला ब्लेनी इस अनूठे विश्वास का फायदा आकार और व्यवहार में रास की नकल करके उठाता है। किसी बड़ी मछली के निकट आने पर ब्लेनी, धीरे से किसी परजीवी को हटाने के बजाए मछली के शरीर से मांस का एक बड़ा टुकड़ा निकाल कर भाग जाता है।
शिकारी और शिकार दोनों को जीवित बचने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करना पड़ता है। दोनों ही अत्यधिक बुद्धिमान हैं।
लेखिका केन्द्रीय मंत्री व पशु कल्याण आंदोलन से संबद्ध हैं।