Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, डीजल गाड़ियों पर बैन संभव - Sabguru News
Home Business Auto Mobile प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, डीजल गाड़ियों पर बैन संभव

प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, डीजल गाड़ियों पर बैन संभव

0
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, डीजल गाड़ियों पर बैन संभव
not fair for rich to buy luxury cars and pollute : CJI
not fair for rich to buy luxury cars and pollute : CJI
not fair for rich to buy luxury cars and pollute : CJI

नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सख्त रुख अपना लिया और इस बात के संकेत दिए कि दिल्‍ली-एनसीआर क्षेत्र में बाहर से आने वाले कमर्शियल वाहनों से ग्रीन टैक्स अब 700 से बढ़ाकर 1300 रुपये किया जा सकता है।

इसके अलावा 2000cc से ज़्यादा की डीज़ल गाड़ियों का रजिस्‍ट्रेशन भी दिल्‍ली में नहीं किया जाएगा। वहीं, अप्रैल 2016 तक, 2005 से पहले के पंजीकृत वाहनों को दिल्ली-एनसीआर में बैन किया जा सकता है।
मुख्‍य न्‍यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि अमीर लोग एसयूवी और लग्जरी गाड़ियों से वातावरण को प्रदूषित नहीं कर सकते। साथ ही सीजेआई ने कार डीलरों से कहा कि लोगों की जान पर बनी हुई है और आपको कार बेचने की पड़ी है।
इसके अलावा चीफ जस्टिस ने सम-विषम फॉर्मूले पर दिल्ली सरकार के बारे में कहा कि हम आपको रोक नहीं रहे, लेकिन सवाल ये है कि इसे किस तरह लागू किया जाएगा? कौन इसे लागू कराएगा और इससे क्या सही में कोई फायदा होगा? क्या इससे कंफ्यूजन होगा? ये हम नहीं जानते।
इससे पहले आज मामले की सुनवाई के दौरान न्‍यायालय ने केंद्र और दिल्ली सरकार से सवाल करते हुए कहा कि आप दोनों क्यों नहीं साथ बैठकर दिल्ली के वातावरण को साफ करने का समाधान निकालते? ये क्रेडिट आप अपने हाथ में क्यों नहीं लेते? आप ये मौका हाथ से क्यों जाने देना चाहते हैं? मामले की सुनवाई के दौरान एमिक्स क्यूरी हरीश साल्वे ने कहा कि साल 2000 से दिल्ली में वाहनों की संख्या 97 फीसदी बढ़ी है।
दिल्ली में डीजल की गाड़ियों संख्या 30 फीसदी बढ़ी है। डीजल प्रदूषण का बड़ा कारण है और कारों में डीजल के प्रदूषण को रोकने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं है। इसकी वजह से देश के 13 शहर पूरी दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में गिने जाने लगे हैं। ऐेसे में सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जल्द सुनवाई करे।
यह जनहित याचिका 2013 में दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से चीफ जस्टिस की बेंच के सामने कहा गया कि 2002 में दिल्ली में कमर्शियल वाहनों में डीजल पर सुप्रीम कोर्ट ने बैन लगाया था, लेकिन 2015 में डीजल कारों की वजह से हालात बदतर हो गए हैं।