रांची। फिल्म अभिनेता एवं झारखंड फिल्म तकनीकी सलाहकार समिति की अध्यक्षता कर रबे अनुपम खेर ने शुक्रवार को कहा कि हम ऐसा काम करें, जिससे एक नया आयाम स्थापित हो। ताकि यह राज्य देश ही नहीं विदेश में भी एक नया आयाम स्थापित करे।
उन्होंने कहा कि उन्हें जिम्मेदारी दी गई है, वे कोशिश करेंगे कि उन्हें पूरा करें। उम्र 90-95 की हो या 70-75 की, कोई मायने नहीं रखता, अगर आप सीखना चाहते हैं तो हर उम्र में सीखने की कला का होना जरूरी है, और वह ऐसा करते हैं, क्योंकि ये उनके लिए बड़ी बात है।
खेर शुक्रवार को सूचना भवन में आयोजित झारखंड फिल्म तकनीकी सलाहकार समिति की पहली बैठक सह सम्मान समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि झारखण्ड में टैलेंट है, क्योंकि जब मैं धौनी व गुंडे और गुड़िया फिल्म की शूटिंग कर रहा था तो यहां के बहुत सारे कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला, उनके तजुर्बे और कला के प्रति समर्पण ने बता दिया कि वे मुंबई के न होकर भी, मुंबई के कलाकारों से किसी भी स्थिति में कम नहीं हैं। मैंने यहां के अधिकारियों, सामाजिक व सांस्कृतिक कलाकारों और यहां के लोगों की सादगी देखकर अभिभूत हुआ।
उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि हम आज इतिहास बनाने की ओर कदम बढ़ा रहे है। झारखंड में नई फिल्म नीति बनी है, और उस नई फिल्म नीति के आधार पर आज तकनीकी सलाहकार समिति की पहली बैठक है।
आज जो हम निर्णय लेंगे और उस पर कार्य करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे तो आनेवाले 25 सालों के बाद जब रजत जयंती मना रहे होंगे तो हम कह सकेंगे कि आज का दिन कितना ऐतिहासिक और कितना महत्वपूर्ण था।
हमारी कोशिश होगी कि इस अच्छे कार्य में पॉलिटिक्स को नहीं आने दें, क्योंकि पॉलिटिक्स जैसे ही आएगी, काम प्रभावित होगा, क्योंकि मुझे जो बुरा लगता है, मैं साफ-साफ कह देता हूं। हम ऐसा काम करें, जिससे एक नया आयाम स्थापित हो, ताकि यह राज्य पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी एक नया आयाम स्थापित करें।
खेर ने कहा कि जो उन्हें रिस्पांसिबिलिटी दी गयी है, वे कोशिश करेंगे कि उन्हें पूरा करें। मैंने यहां के अधिकारियों, सामाजिक व सांस्कृतिक कलाकारों और यहां के लोगों की सादगी देखकर अभिभूत हुआ, क्योंकि जब मैं बचपन में कहीं जाता था तो देखता था कि लोग आम तौर पर सच्चे और अच्छे होते है, पर जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ता है, उसका छाप भी पड़ना शुरू हो जाता है, पर यहां के लोग फिलहाल उन बुराइयों से दूर है।
आर्थिक प्रगति जरूरी है, पर उससे भी ज्यादा जरूरी है सांस्कृतिक रूप से ज्यादा मजबूत होना। यहां काफी संभावनाएं है, उन संभावनाओं को और मजबूत बनाना है।
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को आइएसओ 9001-2015 प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। विपरीत परिस्थितियों में बेहतर सुधार और कार्य के कारण यह सर्टिफिकेशन पानेवाला सूचना और जनसंपर्क विभाग पहला विभाग बना।
कार्यक्रम में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के चार अधिकारी सम्मानित किए गए। जिसमें श्रावणी मेले में उत्कृष्ट कार्य के लिए दुमका के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग संथाल परगना प्रमंडल के उपनिदेशक अजय नाथ झा, श्रावणी मेले में ही उत्कृष्ट कार्य के लिए देवघर के जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी बिंदेश्वरी कुमार झा, बेटियों के सम्मान बढ़ाने में विशेष योगदान के लिए जमशेदपुर के जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी संजय पांडेय और जन-जन तक राज्य और केन्द्र की जनोपयोगी योजनाओं को ले जाने के लिए सरायकेला-खरसावां के जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी राहुल कुमार भारती को सम्मानित किया गया।