नई दिल्ली। भारत सरकार ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों को चिकित्सा वीजा जारी करने पर रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि इस्लामाबाद को यह सूचित किया गया है कि आगे से चिकित्सा वीजा के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री या विदेश मामलों के सलाहकार द्वारा जारी सिफारिश पत्र प्रस्तुत करना होगा।
इस संबंध में एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ईमेल के जरिए और सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी नागरिकों की ओर से चिकित्सा वीजा के लिए ढेरों अनुरोध मिलते रहते हैं।
बागले ने कहा कि हमने चिकित्सा वीजा पर रोक नहीं लगाई है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षो के दौरान हजारों पाकिस्तानी नागरिकों को चिकित्सा वीजा दिए गए। हो यह रहा है कि सीधे विदेश मंत्री को इस तरह के वीजा के लिए अनुरोध मिलने लगे हैं।
सुषमा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं और विदेशों में रह रहे भारतीयों की समस्याएं सुनती रहती हैं।
बागले ने कहा कि उन्हें ईमेल और सोशल मीडिया पर इस तरह के निवेदन मिलते रहते हैं। उनकी विश्वसनीयता जांचने के लिए हमने सुझाव दिया कि निवेदन करने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री या विदेश मामलों के सलाहकार का सिफारिशी पत्र पेश करें।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर यह पता करना बेहद मुश्किल है कि निवेदन करने वाला व्यक्ति सच में समस्याग्रस्त है। अगर वह साथ में सिफारिशी पत्र पेश करता है तो हम तत्काल चिकित्सा वीजा जारी कर देंगे, लेकिन इसके लिए हमें पाकिस्तान सरकार की सिफारिश की जरूरत होगी।