अजमेर। राजस्व मंत्री अमराराम चौधरी ने कहा है कि राजस्व न्यायालयों में होने वाले निर्णय ऑनलाइन हो जाने से राजस्व कार्यों में पारदर्शिता के साथ गुणवत्ता भी आएगी। राजस्व से संबंधित समस्त प्रकरणों को ऑनलाइन किए जाने का कार्य एक ऎतिहासिक कदम है। जिससे किसानों और आमजन को राहत मिलेगी।
राजस्व मंत्री ने गुरूवार को राजस्व मण्डल में राजस्थान राजस्व ग्रिड के राज्य स्तरीय लोकार्पण समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राजस्व मण्डल के इतिहास में एक नया कदम बढ़ाते हुए राजस्व मण्डल अध्यक्ष के निर्णय को ऑनलाइन अपलोड किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश का यह राजस्व मण्डल देश का पहला राजस्व मण्डल है।
जहां समस्त निर्णय अब ऑनलाइन देखे जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण राजस्थान का राजस्व प्रशासन यथा सभी कलक्टर अतिरिक्त जिला कलक्टर, राजस्व अपील प्राधिकारी, 350 उप खण्ड अधिकारी न्यायालय पूर्णतया डिजीटल होने जा रहे है। धीरे-धीरे इसे तहसील स्तर तक लागू किया जाएगा।
ऑनलाइन होने से सबसे बड़ा लाभ आम काश्तकार किसान का होगा जो इन मुकदमों के प्रभावित पक्षकार है, उसे अपने फैसले की जानकारी तुरन्त मिल सकेगी एवं अधिकारियों के कार्य में पारदर्शिता बढ़ेगी व प्रक्रियात्मक सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि भविष्य में भारत सरकार के विधि मंत्रालय के ई कोर्ट मोड्यूल सोफ्ट वेयर के साथ राजस्व ग्रिड को जोड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त एक बहुत महत्वपूर्ण कदम न्यायिक प्रक्रिया के सरलीकरण हेतु उठाया जा रहा है। इस हेतु एक बड़ी कम्पनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विस से इस संबंध में बातचीत की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस महत्वपूर्ण कदम से समस्त प्राचीन राजस्व रिकॉर्ड को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के डिजीटिलाइजेशन कार्य को गति प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। राजस्व मण्डल को 60 वर्ष पूर्ण हो चुके है और इसके प्राचीन रिकॉर्ड के संधारण के लिए राजस्थान एवं भारत सरकार का आरकाईव्स विभाग इस संबंध में कदम उठाएगा।
उन्होंने राजस्व मण्डल के अध्यक्ष को बधाई देते हुए कहा कि उनके अथक प्रयासों से ही आज यह कार्य सम्पन्न हो पाया है। उन्होंने गत दो महिने में पाली, जयपुर, जोधपुर, चितौड़गढ़, उदयपुर, अजमेर आदि जिलों का दौरा कर निरीक्षण किया और राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें निर्णय के उचित क्रियान्वयन की जानकारी दी।
इस मौके पर राजस्व मण्डल के अध्यक्ष वी. श्रीनिवास ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के कम्प्यूटीकरण एवं डिजिटलाइजेशन के कार्य से निर्णयों की जानकारी आम जनता को तुरंत हो सकेगी एवं पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। सभी राजस्व न्यायालयों यथा जिला कलेक्टर, ए.डी.एम, उपखण्ड अधिकारियों व तहसीलदार द्वारा सुनवाई किये जाने वाले प्रकरणों की सूची (कॉज लिस्ट) एवं निर्णय आरसीएमएस वेब पोर्टल पर डाला जाएगा।
मण्डल अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान के इतिहास में भू-सुधारों की श्रृंखला में यह अति महत्वपूर्ण कदम होगा क्योकि इससे हर स्तर पर पारदर्शिता बढ़ेगी। राजस्व ग्रिड के माध्यम से सभी पक्षकारों को अपने मुकदमें की जानकारी वेबसाइट के जरिए तुरन्त पता चल सकेगी।
ग्रिड का तात्पर्य यह है कि राजस्व मण्डल से सभी कलक्टर तथा उनके अधीनस्थ न्यायालय आपस में एक पोर्टल पर जुड जाएंगे। इससे एक अन्य लाभ यह होगा कि इससे राज्य स्तर पर मुकदमों का पर्यवेक्षण हो सकेगा। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को सप्ताह में कम से कम तीन दिवस अपने-अपने न्यायालयों में बैठने के निर्देश दिए।
इस मौके पर राजस्व मंत्री ने मण्डल अध्यक्ष द्वारा दिए गए निर्णय को ऑनलाइन अपलोड किया वहीं मण्डल अध्यक्ष ने संभागीय आयुक्त श्री हनुमान सहाय मीना के निर्णय को ऑनलाइन अपलोड किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व खेमराज ने ऑनलाइन संबोधन देते हुए इसे किसानों के लिए लाभकारी बताया तथा इसे आगे भी प्रयास कर और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
समारोह में चितौड़गढ़ के राजस्व अपील प्राधिकारी इन्द्र सिंह राव द्वारा पावर पाइंट प्रेजेन्टेशन द्वारा राजस्व निर्णयों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया को समझाया।
प्रारम्भ में राजस्व मण्डल के सदस्य मोडूदान देथा ने सभी का स्वागत किया जबकि अंत में आभार सदस्य श्यामलाल गुर्जर ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्यारे मोहन त्रिपाठी ने किया। इस मौके पर संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीना, जिला कलक्टर गौरव गोयल, राजस्व मण्डल के सभी सदस्य, राजस्व बार के सदस्यगण, संबंधित अधिकारी, कर्मचारी, मीडियाकर्मी उपस्थित थे।