बारामूला। आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के बारामूला के पास सेना और सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) के शिविरों पर बीती रात हमला किया जिसमे बल का एक जवान शहीद हो गया और एक अन्य घायल हो गया।
भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने रविवार रात 46 राष्ट्रीय राइफल्स एवं सीमा सुरक्षा बल के दो शिविरों पर हमला किया जिसके बाद सुरक्षा बल एवं आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई जिसमे दो आतंकवादी मार गिराए गए।
बारामूला आतंकी हमले में शहीद हुए जवान की पहचान इटावा निवासी हवलदार नितिन और घायल जवान की पहचान हवलदार पलविंदर के रूप में हुई। दोनों बीएसएफ की 40 वीं बटालियन से हैं। सेना का कहना हैं की आतंकवादी बड़ी संख्या में हमारे सैनिको को मारना चाहते थे पर उनके मंसूबे नाकाम हो गए।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात कर उन्हे बारामूला आतंकी हमले की जानकारी दी साथ ही पिछले 24 घंटे में नियंत्रण रेखा पार हुई सैन्य घटनाओं का भी विवरण दिया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा के इंतज़ामों से भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी सोमवार को अजित डोभाल और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक के के शर्मा से बातकर हमले के मद्देनज़र कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
राजनाथ ने हमले में एक जवान के शहीद होने पर संवेदना जताई और अधिकारियों को शहीद जवान के परिवार के लिए सहायता राशि की घोषणा करने के निर्देश दिए। उधर हमले के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को यहां तीनों सेनाओं के अध्यक्षों के साथ देश की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर बैठक की।
थल सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग, वायु सेना प्रमुख अरूप राहा और नौसेना प्रमुख सुनील लांबा ने श्री पर्रिकर से मुलाकात कर पाकिस्तान की तरफ से किसी भी आतंकी हमले को विफल करने के संबंध में आगामी रणनीति की तैयारी पर चर्चा की।
सीमा पार पाकिस्तानी मीडिया ने सोमवार को दावा किया कि सीमा पर जारी तनाव के बीच पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नासिर जंजुआ ने भारत के अपने समकक्ष अजीत डोभाल से बात की। हालांकि भारत ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
पाकिस्तानी मीडिया की ओर से बताया गया है कि दोनों अधिकारियों के बीच सीमा पर जारी तनाव को काम करने के लिए बातचीत हुई। पाकिस्तान के विदेश सलाकार सरताज अजीज ने भी दावा किया कि दोनों देशों के एनएसए सीमा पर जारी तनाव कम करने के लिए राजी हो गए हैं।
भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी ठिकानों पर 29 सितम्बर को लक्षित हमले किए थे जिसके बाद आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर यह पहला बड़ा हमला किया है।
यह हमला इस खुफिया सूचना के बावजूद हुआ है कि 29 सितंबर के लक्षित हमले के बाद जम्मू कश्मीर में सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर आतंकवादी हमला हो सकता है। यह हमला उरी में सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले के एक पखवाड़े के बाद हुआ है। उरी हमले में 19 सैनिक शहीद हुए थे।
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