नई दिल्ली/वॉशिंगटन। अमेरिका के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत की 12 प्राचीन मूर्तियां लौटाईं। चोल वंश से संबंधित ये सभी मूर्तियां बेहद दुर्लभ हैं। इसके साथ ही अमेरिका भारत को 200 से ज्यादा चोरी की गई सांस्कृतिक वस्तुओं को लौटाएगा।
दौरे के पहले ही दिन ब्लेयर हाउस पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 7 से 11वीं शताब्दी की वह मूर्तियां तोहफे में लौटाईं जो कि भारत की आस्था, कला और संस्कृति का प्रतीक हैं। सभी मूर्तियों को तस्करी करके अमेरिका ले जाया गया था, जिसे बाद में अमेरिकी अधिकारियों ने जब्त कर लिया था। अब ये दुर्लभ मूर्तियां एक बार फिर भारत की धरोहर में शामिल हो गई हैं। मोदी ने महान संपदा वापस करने के लिए अमेरिका की सरकार और राष्ट्रपति बराक ओबामा को धन्यवाद दिया। मोदी ने कहा, “ कुछ लोगों के लिए इन कलाकृतियों की कीमत मुद्रा के रूप में हो सकती है लेकिन हमारे लिए यह इससे कहीं ज्यादा है। यह हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है”।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर बताया कि कार्यक्रम में अमेरिका की अटॉर्नी जनरल ने कहा कि भारत को 200 से ज्यादा चोरी की गई सांस्कृतिक वस्तुओं को वापस लौटाने की प्रकिया आज से ही शुरू की जाती है।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी ट्वीट में कहा गया, “यह महसूस किया गया है कि जब देशों को पता चलता है कि किसी देश का खजाना या सांस्कृतिक कला से संबंधित वस्तुएं उनके यहां है तो वह उन्हे लौटा देते हैं। जब दोनो देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की बात आती है तो भेंट में दी गई वस्तुओं का महत्व होता है लेकिन विरासत हमेशा दो देशों को जोड़ने का काम करती है”।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, “सरकार और कानून दोनों ही सांस्कृतिक कलाकृतियां और वस्तुओं की तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। कई पर्यटन जब किसी देश में जाते हैं तो वहां की आधुनिक दृश्यों को देखने के बजाय वहां की ऐतिहासिक संस्कृति और जगह देखना पसंद करते हैं। ृ
अमेरिका की ओर से लौटाई गई चीजों में धार्मिक मूर्तियां, कांसे और टैराकोटा की कलाकृतियां शामिल हैं। इनमें से कई कलाकृतियां तो 2000 साल पुरानी हैं। इन्हें भारत के सबसे संपन्न धार्मिक स्थलों से लूटा गया था।