वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा का मानना है कि राष्ट्रपति चुनावों के उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रम की दक्षिण कोरिया और जापान को दी गई सलाह उनकी विदेश नीति से जुड़ी कम समझ को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहेंगे की ओवल ऑफिस (राष्ट्रपति भवन) में कोई ऐसा व्यक्ति बैठे जो इस वर्तमान नीति की महत्ता को न समझता हो।
ट्रम्प ने मंगलवार को कहा था कि जापान और दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया से मुकाबले के लिए न्यूक्लियर बम हासिल करने पर विचार करना चाहिए। ताकि अमरीका इस क्षेत्र से पीछे हट सके।
साथ ही उन्होंने कहा था कि जर्मनी और साऊदी अरब को अपनी रक्षा के लिए और ज्यादा उपाय करने चाहिए या फिर अमरीका को उनकी सुरक्षा के बदले ज्यादा कुछ देना चाहिए।
न्यूक्लियर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति ओबामा ने एक प्रेसवार्ता में कहा कि ऐसा बयान देने वाले व्यक्ति को विदेश नीति, न्यूक्लियर नीति, कोरियाई प्रायद्वीप और सही मानों में कहें तो विश्व की कोई समझ नहीं है।
सीएनएन के मुताबिक ओबामा ने समझाया कि अमरीका की सरपरस्ती के चलते जापान और दक्षिण कोरिया को अपने हथियारों की ज़रुरत नहीं हैं। उनका मानना है कि यह मुद्दा एशिया में उनकी माजूदगी की यह आधारशिला है।
ओबामा ने कहा कि इस नीति के चलते ही दुनिया में न्यूक्लियर हथियार हासिल करने की होड़ पैदा नहीं हुई। यह वह दरोहर है जिसे हमने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद हासिल किया है जिसके लिए अमरीकियों ने बलिदान दिया है और किसी को भी इससे छेड़छाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है।