सूरत। समंदर किनारे रह रहे लोग जानते हैं कि आषाढ़ माह की दूज के दिन
समंदर हिलोर लेता है।
उफनती-मचलती लहरें हर बार यही संदेश देती हैं कि गिरकर फिर उठना हमसे सीखो।
गुरुवार को आषाढ़ दूज पर सूरत के समुद्र किनारे डुमस पर समंदर की लहरें बार-बार पाले से टकराईं और गिरकर फिर जोश के साथ उन्होंने हिलोर ली। डुमस किनारे मचलकर पाले के पत्थरों से टकराती समंदर की लहरें।