सबगुरु न्यूज। अक्टूबर माह की शुरुआत आश्विन शुक्ल एकादशी रविवार से होगी तथा कार्तिक मास की शुक्ल एकादशी मंगलवार तक रहेगी। इस माह सूर्य मंगल और शुक्र की राशियों में परिवर्तन होगा तथा ग्रहों के नक्षत्र व नए चंद्रमा का उदय भी कई घटनाक्रम को अंजाम देगा।
ज्योतिष शास्त्र की मैदनीय संहिता मे आकाशीय ग्रह परिवर्तन के परिणामों की भविष्यवाणी की जाती है। 2 अक्टूबर को बुध का हस्त नक्षत्र में प्रवेश होगा जो अचानक ही मौसमी बीमारियों को बडायेगा। संक्रामक रोग मे वृद्धि के योग बनते हैं।
9 अक्टूबर को कन्या का शुक्र प्राकृतिक प्रकोप से फसलों को एक माह तक हानि पहुंचा सकता है तथा कभी बाजार महंगा और कभी कमी वाला होगा।
13 अक्टूबर को कन्या का मंगल व बुध प्राकृतिक प्रकोप से अति वृष्टि समुद्री तूफान भूकम्प अग्नि कांड आंतकी गतिविधियों बम विस्फोट व सैन्य बलों द्वारा कार्यवाही व युद्ध आदि को अंजाम दे सकता है।
17 अक्टूबर को तुला संक्रान्ति बाजारों के भावों में तेजी के योग बनते हैं तथा अनाजों के मूल्यों में वृद्धि के योग बनते हैं।
समग्र रूप से देखा जाए तो यह माह प्राकृतिक प्रकोप से फसलों को हानि तथा बाजार के भावों के उतार चढ़ाव वाला होगा। संक्रामक रोग मे वृद्धि के योग बनते हैं तथा विश्व स्तर मंगल ग्रह अशांति के योग बना सर्वत्र अंशाति फैला सकता है।
इस माह में शरद पूर्णिमा, दीपावली व देव ऊठनी एकादशी आएंगी। इस बार दीपावली गुरूवार को आने से बाज़ार में थकावट रहेंगी ऐसी मान्यता मैदनीय ज्योतिष शास्त्र की है।
मेष, वृष, कर्क, तुला, धनु आदि राशियों के लिए यह माह ठीक रहेगा। ऋण, शत्रु, मुकदमा आदि से निपटारा। व्यापार पेशा व नौकरी में लाभ। साथियों का सहयोग मिलेगा। नए संबन्धों का निर्माण करें तथा शेष राशियों के व्यक्तियो को मिला जुला असर देगा।
ग्रहों के परिवर्तन से पडने वाले इन परिणामों को जन्म पत्रिका में अन्य ग्रहों के साथ तालमेल व जन्म की स्थिति के ग्रहों के बल पर ही भविष्यवाणी की जा सकती हैं यह तो मात्र सितारों के संकेत हैं।
सौजन्य : भंवरलाल