भुवनेश्वर/दिल्ली। उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बैंगलुरु दौरे पर हैं। उनके साथ मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी गए हैं। जिसके चलते कालाहांडी में दाना मांझी मामले में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
गुरुवार को उड़ीसा के कालाहांडी जिले में एक आदिवासी दाना मांझी के पत्नी के शव को अस्पताल से एम्बुलेंस नहीं दिए जाने पर 12 किलोमीटर तक कंधे पर लादकर ले जाने की खबर पूरी दुनिया में फैल गई थी।
वहीं शुक्रवार को बालासोर जिले में एक महिला के शव की हड्डियां तोड़कर गठरी में ले जाने की खबर आई है। इन दोनों घटनाओं को लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारी सामने नहीं आया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ‘इंवेस्ट इन ओडिसा’ कार्यक्रम में हिस्सा लेने बैंग्लुरु गए हैं। जहां वो उड़ीसा के नई स्टार्ट-अप नीति को लेकर निवेशकों को बताएंगें।
क्योंकि मुख्यमंत्री राज्य में नहीं हैं, इसीलिए दानामांझी और बालासोर जिले में हुई घटना को लेकर कोई भी अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहा है। वहीं कालाहांडी में दानामांझी मामले में राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन केवल रस्मनिभाई करते दिख रहा है।
बताया गया है कि भवानीपटना के एसडीएम सुकांता कुमार त्रिपाठी ने उस अस्पताल का दौरा किया, जहां आदिवासी दाना मांझी को पैसे ना होने के चलते अपनी पत्नी के शव को ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं दी गई थी।
सरकारी कार्यप्रणाली के तह्त एसडीएम ये रिपोर्ट कालाहांडी कलेक्टर ब्रूंधा डी को सौंपेंगे, जिसके बाद जिला कलेक्टर उस रिपोर्ट के आधार पर रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को भेजेंगी। इस पूरी प्रक्रिया के बाद राज्य सरकार कोई कदम उठाएगी।
वहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से इस पूरे मामले पर बयान जारी करने की मांग की है साथ ही सरकारी अव्यवस्था का शिकार हुए दाना मांझी को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग रखी है।