सिरोही। जिला निर्वाचन विभाग किस तरह से आचार संहिता की पालना करवा रहा है इसकी बानगी शनिवार रात को देखने को मिली। पांच साल से जो विकास और सौंदर्यीकरण के काम नहीं हुए वह आचार संहिता लगने के बाद शुरू हो गया। वह भी जिला निर्वाचन कार्यालय को जानकारी देने के बाद।…
शहर में हाईमास्ट लाइट आचार संहिता के बाद लगी, सीसीटीवी कैमरे का काम षुरू हो गया और षनिवार रात को पैलेस रोड पर लोहे की बैंच लगाने का काम षुरू हो गया। जानकारी के अनुसार यह सभी काम वह हैं जिनके टेंडर साल डेढ साल पहले हो चुके थे। इसकी सूचना भाजपा आईटी सेल के जिलाध्यक्ष ने रात को 8.20 बजे जिला निर्वाचन विभाग की ओर से स्थापित कंट्रोल रूम में की तो वहां मौजूद बाबू ने बताया कि कंट्रोल रूम नहीं है आपातकालीन निय्ंत्रण कक्ष है। जिस व्यक्ति की डयूटी यहां लगाई गई थी उसे उसके विभाग ने रिलीव नहीं किया है। जबकि जिला निर्वाचन विभाग की ओर से 1 नवम्बर से ही कंट्रोल रूम संचालित किए जाने की सूचना प्रकाशित करवा दी गई थी। खैर अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह कहा कि उन्हें ऐसी शिकायत मिली है और इसे दिखवाते हैं, लेकिन यह काम अनवरत चलता रहा। इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष सुरेश सगरवंशी से बात करने पर उन्होंने बताया कि पिछले एक साल से या हाल ही में कोई बैंच का टेंडर नहीं निकाला गया है। हो सकता है कि एक डेढ साल पुराने टेंडर पर यह सामग्री मंगवा कर अब लगवाई जा रही है।
कोई भी कंट्रोल रूम अस्तित्व में नहीं
सबगुरु न्यूज ने शनिवार रात को जिला कलक्टर, सिरोही उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के तथा नगर परिषद के जिला निर्वाचन विभाग के कंट्रोल रूम स्थापित करने की सूचना प्रसारित कर दी गई। चुनाव के लिए प्रशासनिक अधिकारी कितने सजग हैं इसकी बानगी इसी बात से लग जाती हैं शनिवार रात को एक भी कंट्रोल रूम चुनाव विभाग के कंट्रोल रूम के रूप में काम नहीं कर रहे थे। कलेक्टरी के आपात कंट्रोल रूम पर तैनात कार्मिक ने बताया कि यह आपातकालीन सूचना का केन्द्र है, निर्वाचन विभाग का कंट्रोल रूम शुरू नहीं हो पाया हैं। छुटृटी के कारण कोई भी कंट्रोल रूम पर तैनात कार्मिक नहीं आए हैं। सोमवार को रिलीव होकर आएंगे। जबकि जिला निर्वाचन विभाग ने 29 अक्टूबर को ही पत्र जारी करके कार्मिकों को रिलीव करने के निर्देष जारी कर दिए थे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कलक्ट्रेट कंट्रोल रूम और अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के बीच मात्र एक दीवार है और जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की दूरी मात्र पचास मीटर है, इस पर भी कंट्रोल रूम पर तैनात कार्मिक का कहना था कि उन्हें यह पत्र 31 अक्टूबर को मिला है। यानि इतनी सी दूरी तय करने में एक महत्चपूर्ण आदेष को 48 घंटे लग गए।
दिया ज्ञापन
रात को 8.20 जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से स्थापित कंट्रोल रूम पर भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रोहित खत्री ने षिकायती पत्र सौंपते हुए बताया कि सिरोही शहर में पिछले पांच साल में जो विकास कार्य नहीं किए गए वह कांग्रेस के बोर्ड को फायदा पहुंचाने के लिए आचार संहिता लगने के दौरान करवाए जा रहे हैं। इसमें बताया गया कि षहर में हाईमास्ट लाइटें लगवाने, सीसीटीवी कैमरे लगवाने तथा सौंदर्यीकरण के कारण आचार संहिता के दौरान करवाकर कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। इस पत्र में शनिवार रात को पैलेस रोड पर लगाई जा रही लोहे की बैंचों के काम को भी रोकने की मांग की गई। पत्र में आयुक्त लालसिंह राणावत पर कांग्रेस बोर्ड को राजनीतिक लाभ पहुंचाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए उनका स्थानांतरण करने की भी मांग की गई। इसकी प्रतिलिपि राज्य निर्वचन विभाग ओर भारत निर्वचन विभाग को भी मेल से भेजी गयी है.
तहसीलदार ने किए हस्ताक्षर
नगर परिशद में कांग्रेस के बोर्ड को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए नगर परिषद में आवक जावक रजिस्टर खाली रखकर बैकडेट में चैक, पटृटे आदि निकालने की की शिकायत की थी। इस पर अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी ने तहसीलदार को नगर परिषद भेजा था। तहसीलदार ने वहां जाकर खुले हुए रजिस्टर को अपने हस्ताक्षर करके बंद किया। अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी प्रहलादसहाय नागा ने बताया कि तहसीलदार ने मौके पर जाकर उचित कार्रवाई करते हुए खुले हुए रजिस्टर व कैशबुक आदि की जांच की । शिकायत में आशंका व्यक्त की थी कि बैकडेट में चैक निकल सकते हैं, इस पर तहसीलदार ने वहां अपने हस्ताक्षर करके इन्हें बंद कर दिया ताकि उनकी आशंकाएं सत्य साबित नहीं हो सके।
इनका कहना है
बैंचें लग रही हैं तो इसमें है क्या। बैंचें लगने की षिकायत मिली है इसे दिखवाता हूं। नगर परिशद के रजिस्टर व कैशबुक की जांच करने के लिए तहसीलदार को भेजा था। उन्होंने अपने हस्ताक्षर करके इन्हें बंद कर दिया। षिकायतकर्ता को आषंका थी कि इन खुले रजिस्टर से बैकडेट में दस्तावेज निकल सकते है।
प्रहलादसहाय नागा
अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी, सिरोही।
हाल के समय में हमने कोई भी बैंचे लाने का प्रस्ताव पारित नहीं किया है। हो सकता है यह बैंचे साल डेढ साल पुराने किसी प्रस्ताव पर मंगवाकर अब लगवाई जा रही हो।
सुरेष सगरवंषी
नेता प्रतिपक्ष, सिरोही
मुझे पैलेस रोड पर लगने वाले किसी भी लोहे की बैंच के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। हो सकता है यह स्टोर के माध्यम से मंगवाई गई हो और इसे वहां लगवाया जा रहा है।
दिलीप माथुर
एक्सईएन, नगर परिषद, सिरोही।