गुना। अब कोई भी व्यक्ति अपने नाम का गैस कनेक्शन आपसी सहमति से दूसरे के नाम ट्रांसफर करा सकता है। गैस एजेंसियों पर पहले ये सुविधा नहीं थी। केवल अपने संबंधी और परिचितों के नाम ही गैस कनेक्शन ट्रांसफर कराया जा सकता था। इस नियम में बदलाव कर दिया है।
अब कोई भी व्यक्ति, किसी अन्य को कनेक्शन ट्रांसफर कर सकता है। अगर उसे कनेक्शन की जरूरत नहीं है। इसके लिए उसे बकायदा शपथ पत्र देकर इसे प्रमाणित भी करना होगा, कि वह किन वजहों से अपना कनेक्शन दूसरे को ट्रांसफर करना चाहता हैं।
गैस कनेक्शन ट्रांसफर के बाद पूर्व से जमा सिक्योरिटी राशि वर्तमान कनेक्शन सिक्योरिटी राशि के बीच के अंतर की राशि गैस एजेंसी पर जमा करानी होगी। गैस आपूर्ति विभाग ने नियमों में संशोधन किया है।
सब्सिडी के लिए करा रहे कनेक्शन
गैस एजेंसियों पर डीबीटीएल योजना में रजिस्ट्रेशन कराने के अलावा दूसरे का गैस कनेक्शन अपने नाम पर कराने वाले एजेंसी पर पहुंच रहे हैं। ये वह उपभोक्ता हैं जो अलग-अलग कारणों से अपने किसी पड़ोसी या परिचित के सिलेंडर-डायरी का उपयोग कर रहे थे। जब से डीबीटीएल स्कीम शुरू हुई है, इन लोगों को सरकारी सब्सिडी वास्तविक कनेक्शनधारी के खाते में जाने का डर सताने लगा है इसलिए अब वह इसे अपने नाम पर करा रहे हैं।
क्योंकि डीबीटीएल योजना शुरू होने के बाद उपभोक्ताओं के खाते में राशि जमा होनी शुरू हो गई है। शहर में संचालित हो रही गैस ऐेजेंसियों पर लिंकअप उपभोक्ताओंं को ही इसका लाभ मिल रहा है। जिन्होंने डीबीटीएल से नहीं जुड़ पाए हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा। उन्हें पूरी सिलेंडर के लिए पूरी कीमत अदा करनी पड़ रही हैं।
डिफरेंस राशि होगी जमा
दरअसल पहले तक सिर्फ अपने परिवार के सदस्य और नजदीकी का गैस सिलेंडर ही ट्रांसफर किया जाता था। नियमों में बदलाव इसलिए किया गया, क्योंकि डीबीटीएल के वास्तविक उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल सके। क्योंकि शहरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग ऐसे है, जो दूसरे लोगों के कनेक्शन पर अपने घर की रसोई सुलगाते थे। नई व्यवस्था के तहत अब कोई भी व्यक्ति अपना गैस कनेक्शन दूसरे के नाम ट्रांसफर करा सकता है। इसके लिए दोनों को एजेंसी पर शपथ पत्र के साथ डिफरेंस की राशि जमा करानी होगी।
यह होगी प्रक्रिया
किसी अन्य व्यक्ति के नाम का कनेक्शन ट्रांसफर कराने वाले दोनों पक्षों को अलग-अलग शपथ -पत्र देना होंगे। पहला शपथ पत्र ट्रांसफर कराने वाला व्यक्ति देगा। इसमें उसे बताना होगा कि उसके नाम से कोई अन्य गैस कनेक्शन नहीं है। दूसरा शपथ-पत्र वह व्यक्ति देगा, जो अपना कनेक्शन सामने वाले व्यक्ति को देना चाहता है।
उसे अपने शपथ-पत्र में नाम ट्रांसफर के संबंध में अनापत्ति देनी होगी। इसके अलावा नाम ट्रांसफर कराने वाले व्यक्ति को संबंधित एजेंसी को वर्तमान कनेक्शन दर एवं पूर्व से कनेक्शन के नाम पर जमा सिक्योरिटी राशि के बीच का डिफरेंस जमा करना होगा। इसके बाद ही कनेक्शन ट्रांसफर होने की प्रक्रिया पूरी हो पाएंगी।
कोई छोडऩे तैयार नहीं सब्सिडी
खाद्य विभाग सहित प्रदेश सरकार के बार-बार अपील करने के बाद भी स्वेच्छा से सब्सिडी छोडऩे को कोई तैयार नहीं हो रहा है। शहर में संचालित गैस ऐजेंसी के संचालकों का कहना है, कि शहर में अमीर वर्ग के परिवारों की संख्या करीब तीन हजार से भी ऊपर हैै। इसके आधा सैकड़ा से अधिक अधिकारी वर्ग हैं। जिनकी अच्छी खासी वेतन है।
अगर वह सब्सिडी छोड़ भी दें, तो उनकी सेहत पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा। इसके बाद भी शहर में सब्सिडी का मोह कोई नहीं त्याग पा रहा। इतना ही नहीं शहर के वे बड़े व्यापारी जिनका सालाना का टर्नओवर करोड़ों रूपए का है, वह भी सब्सिडी छोडऩे तैयार नहीं हैं। शहर में कुछ उपभोक्ता इस मामले में अपवाद माने जा सकते हैं, जो सब्सिडी का मोह त्याग चुके हैं।