रियो डी जिनेरियो। ओलंपिक तैराकी प्रतियोगिता के पहले दिन हंगरी की ‘आयरन लेडी’ और पांच बार की विश्व चैंपियन कतिन्का होसू ने स्वर्ण पदक जीता जबकि तरणताल में ऑस्ट्रेलिया ने भी दो स्वर्ण अपनी झोली में डाले।
होसू ने 400 मीटर व्यक्तिगत मेडले स्पर्धा में अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण जीता। होसू ने चार मिनट 26.36 सेकंड का समय निकालने के साथ ही चीन की ये शिवेन के चार मिनट 28.43 सेकंड के रिकार्ड को 2.07 सेकंड के अंतर से ध्वस्त कर दिया।
शिवेन ने यह रिकार्ड लंदन ओलंपिक में बनाया था। होसू के पदक जीतने के साथ ही दर्शकों ने जोश और उत्साह के साथ उन्हें बधाई दी।
एम्मा मैकियोन, ब्रिटनी एल्मस्ली, ब्रोंटे और केट कैम्पबेल बहनों की ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अमेरिका और कनाडा को पीछे छोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीत।
जूडो में बेसलन मुडरानोव ने रुस को पहला स्वर्ण दिलाया
डोपिंग के साये से निकलकर ओलंपिक में हिस्सा ले रहे रुस को जूडो में बेसलन मुडरानोव ने पहला स्वर्ण पदक दिलाया। मुडरानोव ने पुरूषों के 60 किलोग्राम वर्ग में कजाखस्तान के येल्दोस समेतो को हराकर अपने देश को पहले ही दिन पदक तालिका में स्थापित किया।
पदक जीतने के बाद मुडरानोव ने कहा कि हमारे देश पर बहुत अधिक मनोवैज्ञानिक दबाव था इसलिए पहले ही दिन स्वर्ण पदक जीतना हमारे देश के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि डोपिंग रोधी जांच में सरकार प्रायोजित डोपिंग की साजिश उजागर होने के बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने रूस पर पूर्ण प्रतिबंध तो नहीं लगाया लेकिन उसके 100 से अधिक एथलीटों को रियो खेलों में शामिल होने से रोक दिया।
एमेसे सैस ने जीता ओलंपिक महिला व्यक्तिगत एपी स्पर्धा का स्वर्ण
ओलंपिक महिला व्यक्तिगत एपी स्पर्धा (तलवारबाजी) का स्वर्ण हंगरी की एथलीट एमेसे सैस ने जीता। सैस ने फाइनल में इटली की रोसेला फियामिंगो को 15-13 से हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया है।
इस स्पर्धा में चीन की सुन यिवेन ने कांस्य पदक जीता है। उन्होंने फ्रांस की लॉरेन रेम्बी को 15-13 से हराकर इस पदक पर कब्जा जमाया।
सैस 2010 में एपी प्रतियोगिता में विश्व विजेता रह चुकी हैं और उन्होंने ओलम्पिक में 12 साल बाद स्वर्ण पदक जीता है। इससे पहले सैस ने 2004 में एथेंस में हुए ओलम्पिक खेलों में हंगरी की तीमिया नागे को हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
इस जीत के साथ ही उन्होंने सूची में शीर्ष पर काबिज ओलम्पिक विजेता रही यूक्रेन की याना शेमियाकिना को पछाड़ दिया है। शेमियाकिना को इस वर्ष रियो ओलम्पिक में जापान की नोजोमी साटो से हार का सामना करना पड़ा।