रियो डी जेनेरियो। रियो ओलंपिक में अपने चौथे लीग मैच भारतीय पुरुष हॉकी टीम नीदरलैंड के हाथों 2-1 से हार गई। भारत को अंतिम सेकेंड में पांच पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन वह स्कोर बराबर नहीं कर पाई।
मैच के शुरुआत में दोनों टीमों ने रक्षात्मक खेल का प्रदर्शन किया। पहले दोनों क्वार्टर में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी। तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम ने पहले ही मिनट में जोरदार आक्रमण किया, लेकिन विफल रही।
इसके बाद डच टीम ने खूबसूरत मूव बनाते हुए भारत पर हमला किया, भारतीय गोली श्रीजेश ने गोल तो बचा लिया, लेकिन गेंद उनके हेलमेट से टकराकर भारतीय खिलाड़ी के शरीर में लग गई और डच को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिल गया। इस पेनल्टी कॉर्नर पर हॉफमैन रॉजियर ने 32वें मिनट में रीबाउंड पर गोल दाग दिया। इसके बाद भारतीय टीम दबाव में नजर आई।
डच टीम ने लगातार हमले जारी रखे। तीसरे क्वार्टर के अंतिम 8 मिनट (मैच के 38वें मिनट) में भारत ने मूव बनाया और पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर लिया, लेकिन रुपिंदर पाल सिंह की हिट कामयाब नहीं रही। अंपायर ने उसे इसी शॉट पर दूसरा पेनल्टी कॉर्नर भी दे दिया, जिसे वीआर रघुनाथ ने गोल में बदलकर मुकाबला 1-1 से बराबरी पर ला दिया।
रघुनाथ का रियो में यह दूसरा गोल रहा। उत्साह से भरपूर भारत ने इसके बाद दो हमले किए, लेकिन जवाब में डच टीम ने भी मोर्चा खोल दिया। भारत को आखिरी के 3 मिनट में उस समय झटका लगा, उसके दो खिलाड़ियों सुनील और रघुनाथ को अंपायर ने यलो कार्ड दिखा दिया। इसके बाद टीम को 9 खिलाड़ियों से ही खेलना पड़ा।
चौथे क्वार्टर के शुरुआती मिनटों में भारतीय टीम 9 खिलाड़ियों के साथ उतरी और तीसरे मिनट में डच टीम को दूसरा पेनल्टी कॉर्नर दे दिया। वास्तव में तीसरे क्वार्टर के अंतिम समय में दो खिलाड़ियों के यलो कार्ड का दंड चौथे में भी कुछ मिनटों तक जारी रहा।
हालांकि श्रीजेश ने डाइव मारते हुए गेंद रोक ली और गोल नहीं हुआ और स्कोर 1-1 ही रहा, लेकिन डच टीम लगातार हमले करती रही। नीदरलैंड को अंतिम 8 मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिल गया। भारतीय खिलाड़ी से डी के भीतर दूसरा फाउल हुआ और डच को तीसरा पेनल्टी कॉर्नर मिल गया, पर गोल नहीं कर पाए।
डच ने हमले जारी रखे और अंतिम 7वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर ले लिया। इस बार श्रीजेश नही बचा पाए और वान डेर वीरडेन मिंक ने गोल कर दिया और डच को मुकाबले में 2-1 से आगे कर दिया।
डच टीम ने भारतीय खिलाड़ियों को डी के भीतर कोई मौका नहीं दिया, फिर भी भारत ने शानदार मूव बनाते एक और पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर लिया, लेकिन डच गोली ने बचा लिया। अंतिम 50 सेकेंड में भारत ने कई हमले किए, लेकिन गोल का मौका नहीं बना पाए।
इसके बाद 6वें सेंकेड में डच टीम ने गलती कर दी और वीडियो रेफरल में अंपायर ने पेनल्टी कॉर्नर दे दिया, गोल तो नहीं हुआ, लेकिन अंपायर ने वीडियो रेफरल लिया और भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिल गया।
इस शॉट पर भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिल गया। एक बार फिर पेनल्टी कॉर्नर भारत को मिल गया।।लगातार चौथा और फिर पांचवां भी।लेकिन भारत फायदा नहीं उठा पाया और हार गया।