जयपुर। जिले के कोटपूतली में रविवार को एक निजी स्कूल का उद्घाटन करने पहुंची ओलम्पिक में पदक विजेता गीता और बबिता फोगाट ने कहा कि उनकी राजनीति में आने की कोई इच्छा नहीं है।
दोनों बहनों ने हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि पहले जैसे हिंसा नहीं होनी चाहिए। कोटपूतली में फोगाट बहनों ने अपने जीवन के खट्टे मीठे अनुभव शेयर किए।
उन्होंने कहा की फिल्म में तो पचास प्रतिशत ही मेहनत दिखाई गई है, असली जीवन में कड़ी तपस्या करके ये मुकाम हासिल किया है। बचपन में वो इतनी परेशान हो गई थी की अपने पिता के बीमार होने की दुआ मांगती थी।
उन्होंने कहा की दंगल फिल्म से फोगाट बहनों के पिता और पिता की मेहनत को पहचान मिली है। दोनों बहनों ने हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि गरीब जाटो को आरक्षण मिलना चाहिए, गरीबी किसी भी जात में भी हो सकती है।
अगर इसके लिए जाट आंदोलन करते हैं तो उसमे कोई बुराई नहीं है। साथ ही उन्होंने शांति पूर्ण आंदोलन की पैरवी करते हुए कहा की आंदोलन शांति पूर्ण होना चाहिए, उसमे होने वाली गुंडागर्दी कतई बर्दास्त नहीं है।
पिछली बार आंदोलन में जो हुआ उसकी उन्होंने निंदा की। दोनों बहनों ने कहा की वो राजनीति में नहीं आएंगी उनका ध्यान आगे होने वाले ओलम्पिक मैचों पर है। पहले परिवार और देश के सपनों पर खरी उतरने का प्रयास करेंगी ।