मुंबई। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को अपने सहयोगी दल, भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि GST और नोटबंदी समेत कई मुद्दों को लेकर उनका भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकार से विश्वास उठ गया है।
ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ और ‘दोपहर का सामना’ के साथ अपने जन्मदिन से पूर्व दिए जाने वाले पारंपरिक वार्षिक साक्षात्कार श्रृंखला में भाजपा पर तीखा प्रहार किया, जिसका पहला भाग रविवार को प्रकाशित हुआ है।
ठाकरे ने सामना के कार्यकारी संपादक राज्यसभा सांसद संजय राउत से कई मुद्दों पर बातचीत की। वस्तु एवं सेवा कर लागू किए जाने से नाराजगी के सवाल पर ठाकरे ने कहा कि नाराजगी? यह पूरी तरह गड़बड़झाला है। हम चुप नहीं रहेंगे।
हमने ही सबसे पहले इस बात को उठाया था कि जीएसटी से लोग कैसे प्रभावित होंगे। अब उन्हें ही फैसला करना है कि इसे सहें या इससे लड़ें। देखिए, गुजरात में छोटे व्यापारी जीएसटी के विरोध में सड़कों पर उतर आए तो उन्हें बेरहमी से पीटा गया।
ठाकरे ने कहा कि हमने जीएसटी का विरोध किया था, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में सब कुछ केंद्रीकृत हो गया है। क्या यह असल में लोकतंत्र हैं? यह पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी द्वारा जमीनी स्तर पर लागू किए गए पंचायती राज के बिल्कुल विपरीत है।
उन्होंने पिछले साल की गई नोटबंदी का उदाहरण देते हुए सरकार को इस पर विचार करने को कहा कि उनकी नीतियां आमजन के लिए सही हैं या नहीं।
उन्होंने कहा कि आज ही मैंने पढ़ा कि नोटबंदी के कारण 15 लाख लोगों का रोजगार चला गया। इसका अर्थ यह है कि इससे 60 लाख लोग प्रभावित होंगे। इन 60 लाख लोगों को दाल-रोटी कौन देगा?
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने ही सबसे पहले नोटबंदी का विरोध किया था। राउत ने ठाकरे से पूछा कि आपने तो सच्चाई बयां की, लेकिन क्या आपको देशद्रोही माना जाएगा?
इस पर ठाकरे ने कहा कि तो क्या? अपनी नौकरियां गंवाने वालों से पूछिए कि असली ‘देशद्रोही’ कौन है। मैं मोदी के बारे में बात नहीं कर रहा, बल्कि सरकारी तंत्र की बात कर रहा हूं। जब भी शिवसेना कुछ कहती है, उसे सरकार विरोधी माना जाता है। लेकिन यह गलत है, हम हमेशा जनता के साथ हैं।