नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को न्याय दिलाने के लिए भारत हर संभव प्रयास करेगा, जिन्हें पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाई गई है।
राजनाथ ने लोकसभा में कहा कि हम पाकिस्तान की इस हरकत की निंदा करते हैं। मैं सदन को आश्वासन देना चाहता हूं कि जाधव को न्याय दिलाने के लिए जो भी करना जरूरी है, हम वह सब करेंगे।
राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान ने जाधव को सजा सुनाने में ‘कानून और न्याय के बुनियादी नियमों’ को नजरअंदाज किया है।
राजनाथ के अनुसार जाधव को तेहरान से अगवा कर लिया गया था और वह कोई जासूस नहीं है, जैसा कि पाकिस्तान दावा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि जाधव को पाकिस्तानी मीडिया के सामने एक भारतीय जासूस के तौर पर पेश किया गया था।
राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान ने कहा है कि जाधव के पास एक वैध भारतीय पासपोर्ट मिला है। अगर उसके पास वैध पासपोर्ट था तो वह जासूस कैसे हो सकता है? इसका सवाल ही पैदा नहीं होता।
पाकिस्तानी सेना के एक बयान में सोमवार को कहा गया कि जाधव को तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। उस पर पाकिस्तान के खिलाफ जासूसी और युद्ध छेड़ने का आरोप है।
राजनाथ ने कहा कि जाधव व्यावसायिक कारणों से ईरान गया था जहां से पाकिस्तान ने उसे अगवा कर लिया। पाकिस्तान के बयान में जाधव को रॉ से जुड़ा अधिकारी बताया गया।
‘जाधव को फांसी दी गई तो होंगे गंभीर परिणाम’
भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान से चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि पड़ोसी मुल्क में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल होता है तो इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे और द्विपक्षीय संबंध प्रभावित होंगे।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहा कि मैं पाकिस्तान सरकार को चेताते हुए कहना चाहती हूं कि यदि मौत की सजा पर अमल हुआ तो इससे द्विपक्षीय संबंध खराब होंगे। भारत सरकार जाधव को बचाने का हरसंभव प्रयास करेगी।
सुषमा ने कहा कि कुलभूषण जाधव द्वारा कुछ भी गलत करने के कोई सबूत नहीं हैं। यह सुनियोजित हत्या जैसा है।
उन्होंने कहा कि सरकार पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायलाय में अपील करेगी और ‘देश के बेटे’ को बचाने के लिए राष्ट्रपति के समक्ष याचिका देगी।
सदन में विपक्ष और सत्तापक्ष, दोनों के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया और जाधव के प्रति एकजुटता दिखाई।
जाधव की रिहाई के लिए मोदी हस्तक्षेप करें : कांग्रेस
कांग्रेस ने पाकिस्तान में जासूसी के आरोपी भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के खिलाफ की गई कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे ‘जल्दबाजी में लिया गया पूर्व नियोजित फैसला’ करार दिया। पार्टी ने मंगलवार को इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि भारत को जानकारी दिए बिना कुलभूषण जाधव के खिलाफ आनन-फानन में सुनाया गया पूर्वनियोजित फैसला पाकिस्तान की कंगारू अदालत की कार्यप्रणाली का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि सजा का ऐलान भारत को उकसाने वाला कृत्य है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार को इस मामले में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को जाधव की रिहाई के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। भारत को इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आक्रामक ढंग से उठाने की जरूरत है।
पाकिस्तान ने सोमवार को जाधव को मृत्युदंड का ऐलान किया, जिसके बाद भारत ने कड़े तेवर अख्तियार करते हुए कहा कि यदि उनकी मौत की सजा पर अमल होता है तो यह ‘पूर्व नियोजित हत्या’ होगी।
जाधव को ‘पाकिस्तान में जासूसी और विध्वंसकारी गतिविधियों’ के लिए मार्च 2016 में गिरफ्तार किया गया था।
पाकिस्तान सेना की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि भारतीय नौसेना का अधिकारी जाधव देश की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से जुड़ा था, जो हुसैन मुबारक पटेल नाम भी इस्तेमाल करता था।
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