नई दिल्ली। कांग्रेस की कमान अब राहुल गांधी के हाथों में जाना तय है। कांग्रेस राहुल की ताजपोशी की घोषणा कांग्रेस सम्मेलन के पहले भी कर सकती है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि एआईसीसी का अप्रैल में प्रस्तावित अधिवेशन राहुल गांधी के नेतृत्व में हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राहुल गांधी को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाए जाने के लिए तैयार हो गई हैं। इसके लिए सोनिया पार्टी की केन्द्रीय कार्य समिति की विशेष बैठक बुलाकर राहुल को पार्टी की कमान सौंपने की घोषणा सकती हैं। यह विशेष बैठक मार्च में किसी समय भी हो सकता है, और एक अप्रैल से पहले ही राहुल को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भी राहुल की पैरवी करते हुए कहा कि इसके लिए समय का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए। मौजूदा हालात में पार्टी की कमान उनके हाथों में जाने की आवश्यकता है। राहुल की छुट्टी का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि वे पार्टी की स्थिति पर मंथन कर रहे हैं।
राहुल पिछले तीन-चार महीने से घूम-घूम कर देशभर के कांग्रेस नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं में विश्वास जगाने की कयावद में लगे हैं। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी राहुल के हाथ में पार्टी की कमान सौंपने की बात कही।
हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष के इस फैसले से उनके करीबी नेताओं में नाराजगी है। जनार्दन द्विवेदी, मोतीलाल बोरा, अहमद पटेल, एके एंटनी और एके धवन को सोनिया गांधी का करीबी माना जाता है। यह नेता राहुल को फिलहाल अध्यक्ष बनाने के पक्ष में नहीं हैं।
इनका मानना है कि राहुल को पार्टी नेतृत्व सौंपने से पार्टी को झटका लग सकता है। जबकि अजय ‘माकन, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ जैसे नेता राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में हैं और लगातार उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग उठाते रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पार्टी की अध्यक्षता न मिलने और सोनिया गांधी के करीबी नेताओं द्वारा उनके विरोध के चलते राहुल संसद के बजट सत्र से पहले ही छुट्टी पर चले गए। सूत्रों के अनुसार राहुल इस बात को लेकर भी खफा हैं कि उनके सिर पर चुनाव की हार ठीकरा फोडा जाता है जबकि उनकी नीतियों को पार्टी लागू ही नहीं किया जाता।