जयपुर। देश में नोटबंदी को एक माह पूरा हो गया है। एक माह बाद भी राजस्थान के बाजार नोटबंदी की मार से नहीं उबर पाए हैं। खुदरा, रियल स्टेट, पर्यटन, कपड़ा, ज्वैलरी और होटल उद्योग मंदी की चपेट में है।
तमाम परेशानियों के बावजूद लोगों को विश्वास है कि नोटबंदी के परिणाम अच्छे आएंगे। बैंकों के हालात जरूर सुधर रहे हैं। कतारें समाप्त हो गई है लेकिन बैंकिंग व्यवस्था को लेकर लोगों को अब भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लोगों को पर्याप्त कैश नहीं मिल पा रहा है। कई एटीएम रीते पड़े हैं। टोंक रोड़ पर लगे एटीएम से पैसे निकालने के लिए कतार में खड़े सुरेन्द्र सिंह बताते हैं कि एटीएम से दो- दो हजार के नोट ही ज्यादा निकल रहे हैं। लिहाजा छोटी खरीदारी करने पर दुकानदार दो हजार के चैंज देने में आनाकानी करते हैं।
एटीएम में सौ और पांच सौ के नोट अब भी अपर्याप्त है। राज्य में पयर्टन सीजन शुरू होते ही नोटबंदी लागू होने से पर्यटन उद्योग लड़खड़ाया हुआ है। होटलों की बुकिंग घटकर पचास फीसदी रह गई है। लेकिन समूह और कंपनी के पैकेज पर आने वाले पर्यटकों पर नोटबंदी का असर नहीं पड़ा है।
व्यक्तिगत यात्रा करने वाले पर्यटकों को जरूर खुल्ले पैसों की परेशानी आई। कम्फर्ट इन सफारी के संचालक अमित कोठारी के मुताबिक शुरूआती कुछ दिनों में पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था लेकिन बाद में यह सामान्य होने लगा।
बावजूद इसके पिछले साल की तुलना में पर्यटकों की संख्या आधी ही रह गई है। सर्दियों की छुट्टियों में देश के विभिन्न इलाकों से राजस्थान घुमने आने वाले पर्यटकों की संख्या भी काफी कम हो गई है। कई लोगों ने तो अपनी यात्रा को आगे बढ़ा दिया है।
राजस्थान में पर्यटन का सीजन अक्टूनबर माह में शुरू होता है और मार्च तक चलता है इस दौरान लाखों लोग लाखों यहां आते हैं। देशी-विदेशी सैलानी जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, उदयपुर सहित राज्य के अन्य पर्यटक स्थलों पर घूमने आते हैं।
जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने बताया कि नोटबंदी के बाद से ही जयपुर के बाजारों में मंदी छाई हुई है। ग्राहकी में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, जो अभी 25 से 30 प्रतिशत तक पहुंचा है। व्यापारी कर्मचारियों और कारीगरों को वेतन भी नहीं दे पा रहे हैं। कपड़ों के शोरूम बिल्कुल खाली पड़े हैं।
नोटबंदी का सबसे बुरा असर ज्वेलरी मार्केट पर पड़ा है, सराफा व्यवसाय पूरी तरह बैठ गया है। अब तो मार्च तक ही बाजार संभलने की उम्मीद है।
आर्थिक विशेषज्ञ शंकर अग्रवाल नोटबंदी को एक माह पूरा होने पर कहते हैं कि नोटबंदी के परिणाम अच्छे आएंगे। नोटबंदी एक तरह की सर्जरी है और जब सर्जरी होती है तो दर्द महसूस होता है लेकिन जब बीमारी ठीक हो जाती है तो आराम मिलता है। नोटबंदी से देश में आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगेगी।
विशेषकर नोटबंदी ने पंजाब और पश्चिम बंगाल में ड्रग माफियाओं की कमर तोड़ दी है। देश में प्रचलन आई जाली मुद्रा को रोकने में भी नोटबंदी कारगर साबित हो रही है। हालांकि अभी बाजार को पूरी तरह संभलने में तीन से चार माह लग सकते हैं। लेकिन 31 दिसम्बर तक जनता फील गुड महसूस करने लगेगी।
फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज (फोर्टी) के कार्यकारी अध्यक्ष अनुराग शर्मा के मुताबिक नोटबंदी का सभी क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ा है। यदि स्थिति नहीं सुधरी दो माह में करोड़ों का नुकसान राज्य को होगा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के निपटने के लिए सरकार ने जो कदम उठाए थे वो अपर्याप्त थे।
लिहाजा लोगों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा। मैन्यूफैंक्चरिंग और खुदरा क्षेत्र फिलहाल बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है। मजदूरों को मजदूरी का भुगतान के लिए अब भी पर्याप्त नकदी का अभाव है। ऐसे उत्पादन पर विपरित असर पड़ रहा है।