मुंबई। अभिनेत्री मोना लिसा का कहना है कि भोजपुरी फिल्मों को जितनी कद्र मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिली, क्योंकि ये एक पर्दे वाले सिनेमाघरों के जरिये ज्यादा दर्शकों तक पहुंची ही नहीं।
अभिनेत्री को लगता है कि इसका सिर्फ एक कारण है, और वह है मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों की कमी, जिस वजह से सिर्फ खास तबके, यानी निचले दर्जे के लोग ही इन फिल्मों को देखने जाते हैं।
यह पूछे जाने पर कि भोजपुरी फिल्मों के लोकप्रिय होने के बावजूद उसे कमतर क्यों आंका जाता है, मोना लिसा ने कहा कि हो सकता है कम बजट की फिल्में बनना इसकी वजह हो। हमें मल्टीप्लेक्स वाले दर्शक नहीं मिलते, क्योंकि ये फिल्में सिर्फ एक पर्दे वाले सिनेमाघरों में ही रिलीज की जाती हैं। वहां सिर्फ खास किस्म के लोग ही जाते हैं। ये दर्शक निचले दर्जे के होते हैं।
मोना लिसा का असली नाम अंतरा बिस्वास है। उन्होंने वर्ष 2008 में भोजपुरी फिल्म ‘भोले शंकर’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। उनका मानना है कि तब से लेकर आज की तारीख तक सिनेमा जगत ने जबर्दस्त तरक्की की है।
उन्होंने कहा कि मैंने जब भोजपुरी फिल्म जगत में कदम रखा था, उस समय की तुलना में जबर्दस्त तरक्की देखी है। और विकसित होने में इसे समय लगेगा। किसी भी क्षेत्रीय भाषा की फिल्में शुरुआत में ही लोकप्रिय नहीं बन जातीं। हमारा उद्योग तरक्की कर रहा है। मैं महसूस करती हूं कि मुझे ईश्वर का आशीर्वाद मिला है, जिस कारण मैंने आजतक जो कुछ हासिल किया है, भोजपुरी फिल्मों के जरिये ही।
मोना लिसा विवादास्पद टीवी शो ‘बिग बॉस’ में नजर आई थीं। उनका कहना है कि इस शो ने उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई।
क्या आप बॉलीवुड में जाने की सोच रही हैं? यह पूछने पर उन्होंने कहा कि मैं कोलकाता से हूं, इसलिए मैंने जब मुंबई में अपने करियर की शुरुआत की, तो छोटे बजट की हिंदी फिल्मों से शुरू किया। उसके बाद मैंने भोजपुरी फिल्में कीं। एक कलाकार होने के नाते ..हर कलाकार काम चाहता है, वह चाहे जहां भी मिले..बॉलीवुड में, क्षेत्रीय भाषाओं में या कहीं भी। मैं सिर्फ काम चाहती हूं।
यह पूछने पर कि किसी हिंदी फिल्म का प्रस्ताव मिला तो उसमें काम करेंगी, मोना ने कहा कि बिल्कुल, बातचीत चल रही है..देखिए आगे क्या होता है।