नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के दशहरे के अवसर पर दिए गए भाषण की सराहना करते हुए कहा है कि उन्होंने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे उठाए हैं और समाज सुधार के संबंध में जो बातें कही हैं, वे बहुत प्रासंगिक हैं। मोदी ने टि्वटर पर लिखा है .. मोहन भागवत जी ने अपने भाषण में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे उठाए हैं। उन्होंने सामाजिक सुधार पर जो बातें कहीं हैं, वे आज बहुत प्रासंगिक हैं। प्रधानमंत्री ने टि्वटर पर भागवत के भाषण के सारांश का लिंक भी डाला है। भागवत के भाषण का सरकारी प्रसारक दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण किया गया था।…
कांग्रेस और विपक्षी दलों ने की निंदा
उधर, विभिन्न राजनीतिक दलों ने दशहरे के मौके पर शुक्रवार को नागपुर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत के भाषण के दूरदर्शन पर सीधे प्रसारण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार पर सार्वजनिक प्रसारण माध्यम का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया।
भारतीय जनता पार्टी ने संघ प्रमुख के एक घंटे के भाषण के प्रसारण को सही ठहराया और कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि संघ प्रमुख के भाषण में महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया है। दूरदर्शन की ओर से एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह भाषण हमारे लिए एक खबर है और इसी वजह से इसका प्रसारण किया गया जैसा कि अन्य कार्यक्रमों का भी किया जाता है।
संघ प्रमुख का भाषण दूरदर्शन पर सीधे प्रसारित किए जाने को कांग्रेस ने खतरनाक परंपरा बताया है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह प्रसारण सरकारी क ायदा कानूनों का खुला उल्लंघन है। संघ प्रमुख कोई सरकार पद नहीं है और उनके भाषण का प्रसारण सार्वजनिक क्षेत्र के प्रसारण का दुरूपयोग है।
पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने भी भागवत के एक घंटे के भाषण के सीधे प्रसारण पर कहा कि आरएसएस विवादास्पद धार्मिक और राजनीतिक संगठन है। इस संगठन का सबके प्रति समान दृष्टिकोण नहीं है और ऎसे संगठन के प्रमुख के भाषण के प्रसारण की परंपरा खतरनाक है।
वाम दलों ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि देश के इतिहास में इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने कहा कि यह दूरदर्शन का दुरूपयोग है और सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
पार्टी ने कहा है कि सरकार को यह बताना चाहिए कि दूरदर्शन को संघ का प्रचार माध्यम क्यों बनाया जा रहा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि दूरदर्शन में किसी संगठन के प्रमुख के भाषण के प्रसारण की परंपरा नहीं है। यह देश के लोकतांत्रिक तथा धर्मनिरपेक्ष ढांचे के लिए खतरनाक है। दूरदर्शन का काम इस तरह के संगठनों के प्रमुखों के भाषणों को प्रसारित करने का नहीं है।
समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने भी इसे गंभीर मुद्दा बताया और कहा कि इस घटना की जांच होनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राम माधव ने विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया का जवाब देते हुए कहा कि जो लोग जोर शोर से प्रसार भारती की स्वायत्तता की बात करते रहे हैं वही दूरदर्शन द्वारा आरएसएस प्रमुख के भाषण के प्रसारण पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भागवत ने अपने भाषण में राष्ट्र तथा समाज से जुड़े मुद्दों पर चिंता व्यक्त की है और उनके भाषण को कई निजी चैनलों ने भी दिखाया है।