नयी दिल्ली । धर्मान्तरण के मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर हंगमा हुआ। सदन में विपक्ष ने सरकार पर देश में धार्मिक उन्माद फैलाने और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर हमला करना का आरोप लगाकर चर्चा कराने की मांग की। विपक्ष ने सरकार के इस मुददे पर चर्चा नहीं करने तक सदन को नहीं चलने देने की मंशा भी जताई।
विपक्ष ने कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था जिसे नामंजूर करते हुए सरकार इस पर चर्चा करावाने पर असहमति जताई। कार्यस्थागन प्रस्ताव को उप सभापति पी जे कुरियन द्वारा अनुमित देने पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं और जब तक इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती तब तक कामकाज नहीं चलने देंगे। राज्यसभा में सदन के नेता और वित्तमंत्री अरूण जेटली ने आनन्द शर्मा से कहा कि क्या वह आसन को धमकी दे रहें हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।
इससे पहले शर्मा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमने धर्मान्तरण के मुद्दे पर नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है। धर्मान्तरण के मुद्दे पर सदन में फौरन चर्चा कराई जानी चाहिये। कांग्रेस नेता ने कहा कि इससे देश में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गयी है।उन्होंने कहा की सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन होने का मुखौटा पहने एक संगठन देश में धर्मान्तरण के नाम पर तनाव उत्पन्न करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के बडे प्रांतों में इसके लिए जानबूझकर कार्यक्रम बनाये गये हैं शर्मा ने कहा कि धर्मान्तरण के मुद्दे पर देश में विस्फोटक स्थिति पैदा हो सकती है इसलिए इस पर सदन में चर्चा कराई जानी चाहिये। संसदीय कार्य राज्य मंत्री नकवी ने कहा कि इस मुद्दे पर 17 दिसंबर को सदन में चर्चा होनी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर हर दिन चर्चा कराने की मांग नहीं कर सकता। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार धर्मनिरपेक्ष संविधान पर प्रहार कर रही है। उन्होंने सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम को एक पैकेज का हिस्सा बताया। उपसभापति कुरियन ने विपक्ष के कार्यस्थगन प्रस्ताव नामंजूर करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का एक नोटिस मिला है लेकिन सभापति ने किसी प्रस्ताव पर चर्चा कराने से इनकार किया है। कांग्रेस नेता शर्मा ने कहा कि धर्मान्तरण के नाम पर जो कुछ चल रहा है, उस पर सदन में चर्चा करवाना जरूरी है।