पटना। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद और जेल में बंद पूर्व सांसद व बाहुबली राजद नेता शहाबुद्दीन के बीच फोन पर हुई बातचीत का एक निजी टीवी चैनल द्वारा खुलासा किए जाने के बाद यहां की सियासत गरमा गई है।
विपक्ष ने जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा निशाना साधा है, वहीं सत्ताधारी नेता अभी खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक निजी चैनल ने यह साफ कर दिया है कि लालू, माफिया से नेता बने शहाबुद्दीन से कैसा निर्देश ले रहे हैं। क्या नीतीश कुमार कार्रवाई करेंगे?
मोदी ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है कि शहाबुद्दीन अभी भी राजद का सदस्य है, उसे लालू ने पार्टी से निलंबित क्यों नहीं किया?
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में आगे लिखा है कि बिहार के मंत्री अब्दुल गफूर और सिद्दीकी ने सीवान जेल जाकर शहाबुद्दीन से मुलाकात की, इस बारे में भी राज्य सरकार चुप क्यों है? उन्होंने केंद्र सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि इस ऑडियो के आने से साबित हो गया है कि राज्य में अपराधियों के संरक्षण में सरकार चल रही है। इस मामले में केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए।
मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की भी मांग की है। इधर, जद (यू) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि ऑडियो की सच्चाई जानने के बाद ही वह इस मामले पर कोई बयान देंगे। अभी इस बारे में कुछ टिप्पणी करना सही नहीं है।
उल्लेखनीय है कि एक निजी चैनल ने लालू प्रसाद और शाहबुद्दीन के बीच बातचीत का कथित ऑडियो टेप प्रसारित किया है। इसमें दो लोगों की आवाज आ रही है। दावा किया जा रहा है कि एक आवाज लालू प्रसाद और दूसरी शाहबुद्दीन की है। ऑडियो में शाहबुद्दीन, लालू प्रसाद को सीवान के एक पुलिस अधिकारी को हटाने की बात कर रहा है।
ऑडियो में शाहबुद्दीन कहता है कि रामनवमी के दिन सीवान में पुलिस तैनात नहीं होनी चाहिए थी।