नई दिल्ली/कोलकाता। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट को विपक्ष ने दिशाहीन, अव्यवहारिक, आधारहीन, उद्देश्यविहीन एवं हृदयविहीन करार दिया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट को विवादास्पद व दिशाहीन करार देते हुए कड़ी आलोचना की है। ममता ने सांसद ई अहमद के निधन के बावजूद बजट पेश किए जाने को विवादास्पद निर्णय बताया। ममता ने कहा कि केंद्र सरकार के पास देश के भविष्य को लेकर कोई रोडमैप नहीं है। इस सरकार ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है।
ममता ने बजट में नोटबंदी से जुड़े आंकडे पेश नहीं किए जाने पर निराशा जाहिर करते हुए बजट को भ्रामक बताया। उन्होंने कहा कि बजट में सिर्फ आंकडों और खोखले शब्दों का खेल दिखा जिसका कोई अर्थ नहीं है।
मध्यम वर्ग व व्यापारी विरोधी बजट: आप ट्रेड विंग
आम आदमी पार्टी की ट्रेड विंग ने मोदी सरकार के बजट को मध्यम वर्ग और व्यापारी वर्ग की दृष्टि से निराशाजनक बताया है। आप ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि नोटबंदी से त्रस्त मध्यम और व्यापारी वर्ग को बजट से बहुत उम्मीदें थीं लेकिन सरकार ने उनकी उम्मीदों पर कुठाराघात किया है।
बृजेश गोयल ने कहा कि आयकर में राहत नाकाफी है। आयकर छूट सीमा 5 लाख तक होनी चाहिए थी। 5 लाख से 10 लाख तक की आय पर 20% टैक्स बहुत ज्यादा है इसको 10% किया जाना चाहिए था। 10 लाख से अधिक की आय पर 30% टैक्स को 20% किया जाना चाहिए था । टैक्स की दरें कम होने से कम्प्लायंस बढ़ती जिससे सरकार का राजस्व भी बढ़ता।
उम्मीद थी कि नोटबंदी से आहत होने के बाद बजट में ट्रेडर्स और उद्यमियों के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं होंगी पर ऐसा नहीं हुआ। बजट से व्यापरियों और उद्यमियों को भारी निराशा हुई है। छोटे व्यापारियों को सस्ती ब्याज दरों पर लोन की सुविधा देने का एेलान होना चाहिए था।
इनकम टैक्स प्रक्रिया का सरलीकरण और सिंगल विंडो क्लियरेंस का ऐलान होना चाहिए था। व्यापारियों को उम्मीद थी कि डिजिटल लेनदेन पर एमडीआर शुल्क में राहत मिलेगी लेकिन इसको लेकर कोई ऐलान नहीं हुआ।
आम बजट गरीब विरोधी : लालू प्रसाद यादव
राजद सुप्रीमो और पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को लोकसभा में पेश बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार का बजट गरीब विरोधी है। बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यादव ने कहा कि इसमें कुछ खास नहीं है, साथ ही गरीबों के लिए इसमें कुछ भी नहीं है।
बजट को पूरी तरह फेल बताते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस बजट को 10 में शून्य अंक दिया जा सकता है। रेल बजट को आम बजट में शामिल किये जाने का विरोध करते हुए यादव ने कहा कि रेलवे भारत की जीवन रेखा है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्री की अब कोई आवश्यकता नहीं रह गई और रेल बजट पूरी तरह आम बजट में खो गया।
उन्होंने दुःख प्रकट किया कि रेल बजट पर अब अलग से चर्चा का कोई मौका नहीं मिल पायेगा। यादव ने केंद्र पर रेलवे को पूरी तरह मटियामेट कर देने का आरोप लगाया। अपने पुराने अंदाज में बोलते हुए यादव ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना अमेरका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से करते हुए कहा कि मोदी और ट्रम्प दोनों ‘जुड़वां’ भाई हैं और दोनों ही अपनी मनमानी कर रहे हैं।
लोक सभा के वरिष्ठ सांसद ई अहमद के निधन पर शोक प्रकट करते हुए यादव ने कहा कि किसी भी सांसद के निधन पर सभा की कार्यवाही स्थगित कर दी जाती है। लेकिन सदन स्थगित करने की बजाय इसी दिन अपना बजट पेश कर एक मोदी सरकार ने गलत परम्परा की शुरुआत की है।
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