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i order on shooting of karsevaks in ayaodhya was for national cause says mulayam singh yadav
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16 तो क्या 30 कारसेवक भी मरते तब भी मैं न बदलता आदेश : मुलायम

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16 तो क्या 30 कारसेवक भी मरते तब भी मैं न बदलता आदेश : मुलायम
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लखनऊ। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या मुद्दे पर शनिवार को यहां बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश की एकता की खातिर और मस्जिद को बचाने के लिए वर्ष 1990 में उन्होंने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाई थी। इसमें 16 की जगह 30 जानें जातीं तो भी मैं अपने आदेश को न बदलता।

राजधानी स्थित इंदिरा गांधी सस्थान में मुलायम आज खुद पर लिखी पुस्तक का विमोचन कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यद्यपि उन्हें अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने का अफसोस है, लेकिन उस समय मेरा निर्णय सही था।

मुलायम ने कहा कि मेरा यह निर्णय देश की एकता और मस्जिद को बचाने के लिए था। इसमें 16 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय अगर तीस जानें भी चली जातीं तो भी मैं अपना निर्णय न बदलता।

उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर यद्यपि मेरी बहुत आलोचना हुई, लेकिन देश की एक मस्जिद बचाने के लिए यह जरूरी था। उस समय यदि मैं ऐसा न करता तो मुसलमानों का विश्वास देश से उठ जाता और वे कहते कि इस देश में उनके धार्मिक स्थल को नहीं बचाया जा सकता।

मुलायम ने कहा कि उस समय संसद में जाने पर मुझे मानवता का हत्यारा कहा जाता था। इसके बावजूद अपने निर्णय को मैं आज भी सही मानता हूं।

मेरा मानना है कि यहां रहने हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी इस देश के नागरिक हैं। सपा मुखिया ने कहा कि समाजवाद का मतलब होता है सबको साथ लेकर चलना। देश और समाज की एकता के लिए भेदभाव नहीं होना चाहिए।

इस अवसर पर मुलायम ने नौजवानों का आवाहन करते हुए कहा कि प्रदेश के विकास के बारे में उन्हें गम्भीरता से सोचना होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से सभी लोग संकल्प लेकर जाएं कि उत्तर प्रदेश के विकास के लिए काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए सभी को एक साथ मिलकर सांप्रदायिक भेदभाव को दूर करना होगा और अमीरी-गरीबी की खाई पाटनी होगी। जातिवाद, क्षेत्रवाद और गरीबी को मिटाना होगा।

उन्होंने कहा कि समाजवाद का असली मूलमंत्र गरीबी, भेदभाव, क्षेत्रवाद, जातिवाद को समाप्त करना है। कार्यक्रम में प्रसिद्ध गीतकार गोपालदास नीरज, उप्र हिन्दी संस्थान के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह समेत कई लोग उपस्थित थे।