चेन्नई। जल्लीकट्टू के मुद्दे पर उमड़े लाखों लोगों के जन सैलाब के दबाव में अब तमिलनाडु सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शुक्रवार को इसका ऐलान भी कर दिया है।
उन्होंने कहा कि अध्यादेश का प्रस्ताव तैयार है, जोकि केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है। गृह मंत्रालय इसे राष्ट्रपति को भेजेगा और उनकी हरी झंडी मिलने के बाद इस पर राज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी।
मुख्यमंत्री ने आंदोलन पर बैठे छात्रों से विरोध खत्म करने की अपील भी की है। अध्यादेश के ज़रिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक को कानूनी ज़रिए से हटाने की कोशिश होगी।
इस बीच जल्लीकट्टू के मुद्दे पर एआईएडीएमके के 49 सांसद भी शुक्रवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलेंगे। एआईएडीएमके के सांसद जल्लीकट्टू पर से रोक हटाने के लिए केंद्र सरकार की मदद चाहते हैं।
वहीं, साउथ इंडियन आर्टिस्ट्स असोसिएशन के सदस्य भी जलीकट्टू के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन करेंगे, जिसमें प्रसिद्ध संगीतकार ए.आर. रहमान भी शामिल होंगे।
दरअसल, जल्लीकट्टू को बैन किए जाने के विरोध में शुक्रवार को चेन्नई में सुबह से लेकर शाम तक 12 घंटों का बंद है। स्कूल कॉलेजों से लेकर बाज़ार कारोबार और निजी दफ्तर जल्लीकट्टू के समर्थन में बंद है।
इस दौरान राज्य की क़रीब 40 लाख दुकानें बंद हैं, जिनमें होटल रेस्तरां से लेकर ट्रेड यूनियन भी शामिल हैं। बंद के समर्थन के लिए मद्रास हाइकोर्ट की एडवोकेट्स एसोसिएशन ने कोर्ट का बहिष्कार करने का फ़ैसला किया है।
फिल्मी सितारों से लेकर खिलाड़ियों, आध्यात्मिक गुरूओं और तमिल समाज में पहचान रखने वाले तमाम बड़े नामों ने जल्लीकट्टू पर से रोक हटाने की मांग की है।
माना जा रहा है स्कूल-कालेजों के साथ बसें, ऑटो और टैक्सियां भी सड़कों पर नहीं दौड़ेंगी या इनकी संख्या काफी कम हो सकती है।