लॉस एंजिलिस। भारतीय मूल के ब्रितानी फिल्मकार आसिफ कपाडिय़ा की ‘एमी’ को सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री के लिए ऑस्कर पुरस्कार मिला है।
यह डॉक्यूमेंट्री गायिका एमी वाइनहाउस की जिंदगी और महज 27 साल की उम्र में उनकी त्रासदीपूर्ण मौत की तीखी पड़ताल करती है।
इस डॉक्यूमेंट्री के लिए गोल्डन ग्लोब और बाफ्टा पुरस्कार जीत चुके कपाडिय़ा ने वाइनहाउस को श्रद्धांजलि दी। एमी वाइनहाउस का निधन वर्ष 2011 में ड्रग और एल्कोहल से लड़ाई लडऩे के बाद हो गया था।
कपाडिय़ा ने कहा कि फिल्म के प्रति अपना प्यार दिखाने के लिए शुक्रिया एकेडमी। हम दिखाना चाहते थे कि वास्तव में एमी थीं क्या? वह एक मजाकिया, बुद्धिमान, हाजिर जवाब और एक खास लडक़ी थी।
निर्माता जेम्स गे-रीस ने कहा कि यह पुरस्कार वाइनहाउस के सभी प्रशंसकों और फॉलोवर्स के लिए है। एमी हमेशा से इन्हीं लोगों का समर्थन चाहती थीं।
कपाडिय़ा की डॉक्यूमेंट्री का मुकाबला ‘कार्टेल लैंड’, ‘द लुक ऑफ साइलेंस’, ‘व्हाट हैपन्ड मिस सिमोन?’, ‘विंटर ऑन फायर: यूक्रेन्स फाइट फॉर फ्रीडम’ से था।
कान फिल्म समारोह में पिछले साल यह डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई थी, उसके बाद से ही यह आलोचकों की पसंदीदा फिल्म बन गई थी। हालांकि गायिका के पिता मिच ने खुद को इससे अलग रखा। उन्होंने इसे एक निराशाजनक करार दिया था।
44 वर्षीय कपाडिय़ा को वर्ष 2012 की ‘सेन्ना’ के निर्देशन के लिए जाना जाता है। इसके अलावा वर्ष 2003 में इरफान खान अभिनीत ‘द वॉरियर’ को भी सराहा गया था।