मुंबई। आमतौर पर कथित हिन्दु विरोधी छवि के लिए पहचान बना चुके हैदराबाद से ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमिन के सांसद असदुद्दीन ओवेसी ने इराक में आईएसआईएस की गतिविधियों की निंदा की है।
पुणे में पत्रकार वार्ता के दौरान ओवेसी ने कहा कि नेता इस्लाम के नाम पर आईएसआईएस निर्दोष लोगों की हत्या कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसा से इस्लाम का कोई लेना देना नहीं है और प्रबुद्ध व सुशिक्षित मुसलमानों को मुस्लिम युवकों में यह बात फैलानी होगी कि वह आईएसआईएस के चंगुल में नहीं फंसे।
ओवेसी ने कहा कि उनकी सभा को पुलिस ने अनुमति नहीं दिया है और पुलिस की अनुमति के बिना नहीं बोलेंगे। उन्होंने दावा किया कि इससे पहले वह १० बार बोलने की अनुमति मांग चुके है। ओवेसी ने कहा कि सुशिक्षित मुसलमानों को गरीब बस्तियों में जाकर कम से कम एक घंटे बच्चों को पढ़ाकर मार्गदर्शन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछडा हुआ है, यह उच्चतम न्यायालय ने भी माना है। ऐसे में मुस्लिमों को आरक्षण देकर उनके उत्थान के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले राज्य महाराष्ट्र की कांग्रेस व राकांपा सरकार ने तुष्टीकरण के लिए मुस्लिम समाज को 5 फीसदी आरक्षण देने का अध्यादेश लाई थी, उसे अगर कानून बना दिया होता तो यह समस्या समाप्त हो गई होती।
ओवेसी ने कहा कि सबका साथ व सबका विकास के नाम पर सत्ता में आई सरकार में उसके सहयोगी संगठनों के दो महीने बयान पर नजर डाले तो सरकार का चेहरा अपने आप उजागर हो जाता है। ओवेसी ने कहा कि वर्तमान समय की राजनीतिक स्थिति देश में लोकशाही के लिए किसी भी प्रकार पोषक नहीं है। उल्लेखनीय है कि पुणे पुलिस ने ओवेसी की सभा बंद सभागृह में करने और सभा में किसी भी तरह का भडकाउ भाषण न करने के लिए धारा 144 के तहत बुधवार को नोटिस जारी कर दिया है। इतना ही नहीं शिवसेना की ओर से भी ओवेसी के विरुद्ध आंदोलन किए जाने की धमकी दी गई है।