नई दिल्ली। अंर्तराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्थान ऑक्सफेम ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत की 58 फीसदी दौलत सिर्फ 1 फीसदी लोगों के पास है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 57 अरबपति लोगों के पास उतनी दौलत है, जितनी नीचे लेकर ऊपर तक के 70 फीसदी लोगों के पास है। रिपोर्ट ने ये भी खुलासा किया कि शीर्ष आईटी कंपनियों के सीईओ और कंपनी के सामान्य प्रोफेशनल्स की तनख्वाह में 416 गुना का अंतर होता है।
दावोस में होने वाली वर्ल्ड इकॉनामिक फोरम की बैठक के पहले ऑक्सफेम ने अपनी रिपोर्ट ‘एन इकॉनामी फॉर द 99 परसेंट’ रिलीज की है। दावोस की इस बैठक में दुनियाभर के शीर्ष बिजनेसमैन और राजनेता शिरकत करने वाले हैं।
ऑक्सफेम की ये रिपोर्ट अमीर-गरीब के बीच वित्तीय संसाधनों के अंतर पर है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की आधी दौलत सिर्फ 8 लोगों के पास है।
ये हैं दुनिया के दौलतमंद
रिपोर्ट में बताया गया कि सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ($ 75 अरब), स्पेन के उद्योगपति एमैन्सियो ऑर्टेगा ($67 अरब), वॉलमॉर्ट के मालिक वॉरेन बफेट ($ 61 अरब), मैक्सिको के बिजनेसमैन कार्लोस स्लिम($50 अरब), ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के मालिक जेफ़ बेज़ोस($45 अरब), फेसबुक के मालिक मार्क ज़करबर्ग($45 अरब), सॉफ्टवेयर कंपनी ऑरेकल के सह-संस्थापक एवं सीईओ लैरी एलिसन($44 अरब) और ब्लूमबर्ग के मालिक माइकल ब्लूमबर्ग ($40 अरब) की संपत्ति है, जो दुनिया के 3.6 अरब गरीबों की कुल संपत्ति के बराबर है और ये दुनिया की आधी आबादी है।
ये हैं भारत के दौलतमंद
वहीं भारत में रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी ($19.3 अरब), सन फॉर्मा के दिलीप सांघी ($16.7 अरब) और विप्रो टेक्नॉलाजी के अजीम प्रेमजी ($15.0 अरब) जैसे 57 बिजनेसमैन भारत के निर्धनतम् 70 फीसदी लोगों की पूंजी के बराबर के मालिक हैं।