Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
PAC won't call PM narendra modi on demonetisation
Home Delhi नोटबंदी के मुद्दे पर पीएम को तलब नहीं करेगी पीएसी

नोटबंदी के मुद्दे पर पीएम को तलब नहीं करेगी पीएसी

0
नोटबंदी के मुद्दे पर पीएम को तलब नहीं करेगी पीएसी
PAC won't call PM narendra modi on demonetisation
PAC won't call PM narendra modi on demonetisation
PAC won’t call PM narendra modi on demonetisation

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नोटबंदी के मुद्दे पर संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने तलब नहीं करने का फैसला किया है।

गौरतलब है कि पीएसी अध्यक्ष केवी थॉमस ने कहा था कि अगर नोटबंदी के कारणों से पीएसी संतुष्ट नहीं हुई तो प्रधानमंत्री को बुलाया जाएगा। थॉमस के इस रुख का भाजपा सदस्यों ने जमकर विरोध किया जिसके बाद थॉमस अलग-थलग पड़ गए।

थॉमस ने इसी हफ्ते बयान दिया था कि नोटबंदी मुद्दे पर पीएसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी तलब कर सकती है।

वित्तीय समितियों से संबंधित नियमों पर लोकसभा अध्यक्ष के निर्देशों का हवाला देते हुए समिति ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि लेखा अनुमानों की पड़ताल के मामले में सलाह-मशविरे या सबूत देने के लिए समिति अपने समक्ष किसी भी मंत्री को तलब नहीं कर सकती।

लेकिन, पड़ताल पूरी होने के बाद अगर अध्यक्ष को जरूरी लगता है तो वह मंत्री के साथ अनौपचारिक संवाद कर सकते हैं।’ निशिकांत दुबे, भूपेन्द्र यादव और किरीट सोमैया समेत भाजपा सदस्यों ने थॉमस के बयान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि समिति के पास प्रधानमंत्री को तलब करने का अधिकार ही नहीं है।

इससे पहले निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र भी लिखा था जिसमें कहा था कि नोटबंदी मुद्दे पर मोदी को तलब करने संबंधी थॉमस की टिप्पणी ‘गलत, अनैतिक और स्थापित संसदीय प्रक्रियाओं के विपरीत’ है।

समझा जाता है कि बैठक के दौरान अपनी टिप्पणी पर थॉमस ने सफाई देते हुए कहा कि उनका मतलब था कि अगर समिति सर्वसम्मति से फैसला लेती है तो वह प्रधानमंत्री को भी तलब कर सकती है।

गौरतलब है कि संप्रग शासन के दौरान भी पीएसी के चेयरमैन डॉ. मुरली मनोहर जोशी के 2जी घोटाला मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को तलब करने के फैसले का कांग्रेस सदस्यों ने कड़ा विरोध किया था। समिति में चूंकि कांग्रेस सदस्यों का बहुमत था, लिहाजा डॉ. जोशी के फैसले को पलट दिया गया था।