चंडीगढ़। पांडवानी शैली की विख्यात लोक कलाकार पद्मभूषण डॉ. तीजन बाई के गहने यात्रा के दौरान ट्रेन में चोरी हो गए। उन्हें बिना जेवर के ही महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) रोहतक में प्रस्तुति देना पड़ी।
मिली जानकारी के अनुसार तीजन बाई छत्तीसगढ़ के दुर्ग से गोंडवाना एक्सप्रेस से रवाना हुईं थी। शनिवार को वे एमडीयू रोहतक में एक कार्यक्रम के लिए पहुंची।
यहां जब उन्होंने अपना सूटकेस देखा तो उनका गहनों का बैग गायब था। इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच चोरी का मामला दर्ज कर लिया। फिलहाल पुलिस रेलवे पुलिस के जरिए बैग की तलाश में जुटी है।
वहीं, दूसरी ओर तीजन बाई को बिना गहनों के लिए प्रस्तुति देनी पड़ी। एमडीयू में 7 दिवसीय `चलो थियेटर` नामक फेस्ट शुरू हुआ है। इसमें पहली परफॉर्मेंस तीजन बाई की ही थी।
तीजन बाई के मुताबिक, बैग में तीन किलो की करधन, 250 ग्राम की अंगूठी, बाजूबंद समेत 6.5 किलो के गहने थे। इन्हें वह हर प्रस्तुति में स्टेज पर पहनती थीं।
इन गहनों से उनका इमोशनल लगाव था। तीजन बाई छत्तीसगढ़ की पांडवानी शैली की विख्यात कलाकार हैं। इस शैली में महाभारत और पांडवों के किस्से संगीत के साथ गाकर सुनाए जाते हैं।