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लंदन : अभिनेता जैक एफ्रॉन ने बताया कि वह भाग्यशाली हैं कि वह ‘द ग्रेटेस्ट शोमैन’ के अपने सह-कलाकार ह्यू जैकमैन के साथ बाइक चलाने के दौरान एक बस से टकराने से बाल-बाल बच गए।
एफ्रॉन ‘द ग्रेटेस्ट शोमैन’ के सह-कलाकारों जैकमैन और जेंडाया के साथ ‘द ग्राहम नॉर्टन शो’ पर उपस्थित हुए थे।
वेबसाइट ‘पीपल डॉट कॉम’ के मुताबिक, उन्होंने बताया कि जब उन्होंने एक सुबह जैकमैन के साथ वर्कआउट करने का फैसला लिया तब उस समय स्थिति काफी घातक हो गई थी।
एफ्रॉन ने शो के होस्ट नॉर्टन को बताया, “मैं उनके साथ लंदन में बाइक चला रहा था, लेकिन मैं सुबह के यातायात में बाइक चलाने का अभ्यस्त नहीं हूं, इसलिए यह काफी खतरनाक हो गया।”
लंदन : मैनचेस्टर की एक 12 मंजिला इमारत में आग लग गई। आग जल्द ही इमारत की कई मंजिलों पर फैल गई, जिस पर काबू पाने के लिए दमकलकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
अर्नडेल शॉपिंग सेंटर के पास 12 मंजिली इमारत की नौंवी मंजिल में आग लग गई और फिर इमारत की अन्य मंजिलों तक भी फैल गई।
एक प्रवक्ता ने कहा कि आग की लपटों पर काबू पा लिया गया है और धुएं से घुटन होने के चलते एक शख्स को अस्पताल ले जाया गया है।
दुकानदारों ने नॉर्दन क्वार्टर के ज्वाइनर स्ट्रीट पर दमकलकर्मियों को आग की लपटों पर काबू पाने के लिए मशक्कत करते देखा।
श्रीनगर : कश्मीर घाटी में बीती रात तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे रहा और घाटी में नए साल की पूर्व संध्या पर बर्फबारी की संभावना नहीं है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में यह कहा है।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “पूरे राज्य में अगले 48 घंटों तक मौसम शुष्क और ठंडा रहने की संभावना है।”
उन्होंने कहा, “घाटी और लद्दाख क्षेत्र में रविवार को न्यूनतम तापमान में और गिरावट आ गई और क्षेत्र में शीतलहर जारी है।”
श्रीनगर में रविवार को न्यूनतम तापमान शून्य से 3.6 डिग्री नीचे, पहलगाम में शून्य से 5.9 डिग्री नीचे और गुलमर्ग में शून्य से 5 डिग्री नीचे रहा।
वहीं जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 8 डिग्री, कटरा में 7.6 डिग्री, बटोटे में 4.5 डिग्री, बनिहाल में 4.9 डिग्री, भदरवाह में 1.1 डिग्री और उधमपुर मे 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मुंबई : फिल्म ‘सत्या’ और ‘ओएमजी-ओह माई गॉड’ जैसी फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले अभिनेता गोविंद नामदेव का कहना है कि वह सिनेमा के जरिए हिंदुओं और मुसलमानों को बीच शांति कायम करना चाहते हैं।
गोविंद ने अपने बयान में कहा, ” मैं हिंदू और मुस्लिम सौहार्द पर आधारित फिल्मों में काम करना चाहता हूं और ऐसी फिल्मों की कहानी लिखना चाहता हूं और सिनेमा के माध्यम से दोनों समुदायों के बीच शांति कायम करना चाहता हूं। यह 2018 के लिए मेरा संकल्प है।”
मुंगेर : आधुनिकता की अंधीदौड़ में आमतौर पर लोग अपनी परंपरा को नजरअंदाज करते जा रहे हैं, परंतु आज भी कई ऐसे संस्थान हैं जो अपनी परंपरा का निर्वाह ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि देश-विदेश में नाम भी कमा रहे हैं।
‘योगनगरी’ के रूप में चर्चित बिहार के मुंगेर में स्थित बिहार योग विद्यालय एक ऐसा ही संस्थान है, जहां आज नववर्ष मनाने की अलग परंपरा है। यहां नववर्ष की खुशियां तो अवश्य मनाई जाती हैं, परंतु उसका अंदाज बिल्कुल ही अलग होता है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विश्व योग आंदोलन के प्रवर्तक स्वामी सत्यानंद सरस्वती द्वारा स्थापित बिहार योग विद्यालय में नववर्ष के प्रथम दिन यहां सुंदरकांड का पाठ होता है और फिर 108 बार हनुमान चालीसा का पाठ होता है। इस अनुष्ठान में बाल योग मित्र के बच्चे बड़ी संख्या में शिरकत करते हैं।
इस परंपरा की नींव इस विद्यालय के परमाचार्य परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती ने डाली है। उनके मुताबिक नया साल अच्छाइयों को आत्मसात करने का संकल्प लेने का है।
आश्रम के वरिष्ठ सन्यासी स्वामी शंकरानंद बताते हैं कि इस दिन आश्रम के संन्यासी के अतिरिक्त सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के दूसरे देशों के लोग भी यहां आते हैं। इस दिन सुबह से ही पाठ का कार्यक्रम प्रारंभ हो जाता है, जो देर तक चलता है।
रोटरी क्लब से जुड़े शिव कुमार रूंगटा बताते हैं कि ऐसे अनुष्ठान के साकारात्मक ऊर्जा विकसित होती है, तभी तो यहां विराट समागम होता है। पश्चिम के देशों के अलावा इराक, इरान से भी लोग यहां इस मौके पर आते हैं।
SBI के वरिष्ठ अधिकारी आऱ एऩ सिंह का कहना है कि बिहार के कई स्थानों से भी लोग यहां नववर्ष मनाने पहुंचते हैं। उनका कहना है कि इस आयोजन से अपनी संस्कृति को भी समझने का मौका मिलता है। सिंह एसे लोगों में शामिल हैं जो पिछले कई वर्षो से यहां नववर्ष मनाने पहुंचते हैं।
नववर्ष के पहले दिन यहां परमाचार्य स्वामी निरंजनानंद सरस्वती लोगों को संदेश देते हैं।
सरस्वती के मुताबिक, “मनुष्य का संबध उसकी श्रद्धा, आस्था और विश्वास के माध्यम से किसी परम तत्व से भी जुड़ा है, जिसका अनुभव किया जा सकता है। वर्तमान युग में अपनी श्रद्धाभक्ति को सुरक्षित रखना और उसे एक दिशा प्रदान करना, यह जीवन की आवश्यकता है। हमारी संस्कृति की यही शिक्षा है। संसार में किसी को आध्यात्म की शिक्षा चाहिए तो वह फ्रांस, चीन, रूस, अमेरिका या जापान नहीं जाता, वह भारत की ओर आता है।”
इस विद्यालय में दुनिया के विभिन्न देशों के लोगों की उपस्थिति इस बात को प्रमाणित करती है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में उपनिदेशक पद से सेवानिवृत्त डॉ. रामनिवास पांडेय कहते हैं कि नववर्ष के अवसर पर यहां होनेवाले इस अनुष्ठान के माध्यम से जीवन के सभी पहलुओं को साकारात्मक रूप प्रदान किया जाता है, जिससे सामाजिक परिवेश में सात्विकता, सौंदर्य, सामंजस्य और सृजनात्मकता का अनुभव किया जा सके।
कहा जाता है कि विश्व योग आंदोलन के प्रवर्तक परमहंस स्वामी सत्यानंद सरस्वती को दिव्यदृष्टि से यह पता चला था, यह स्थान योग का अधिष्ठान बनेगा और योग विश्व की भावी संस्कृति बनेगी। स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने बसंत पंचमी के दिन 19 जनवरी, 1964 को बिहार योग विद्यालय की स्थापना की थी।
19 जनवरी, 1983 में बसंत पंचमी के दिन ही उन्होंने बिहार योग विद्यालय की अध्यक्षता स्वामी निरंजनानंद सरस्वती को सौंपी। योग आंदोलन का ही नतीजा है कि योग का प्रवेश भारतीय समाज के अनेक क्षेत्रों और वर्गो सेना, रेलवे, पुलिस, जेल और महाउद्योगों सहित घर-घर में हो चुका है और वह विकास के एक स्तर तक पहुंच चुका है।