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ब्रिजटाउन | गायिका रिहाना के 21 वर्षीय चचेरे भाई तवन कैसेन एलीन की यहां गोली मारकर हत्या कर दी गई। एलीन का मंगलवार को निधन हो गया। रिहाना (29) ने इंस्टाग्राम पर एलीन के साथ तस्वीरों की एक श्रृंखला जारी की, जिसमें वह उनके साथ क्रिसमस का जश्न मनाते नजर आ रही हैं।
रिहाना ने लिखा, आत्मा को शांति मिले। विश्वास नहीं कर सकती, जो कल रात मैंने तुम्हें अपनी बाहों में रखा था।
उन्होंने कहा, कभी नहीं सोचा था कि आखिरी बार मैं ऐसा महसूस करूंगी। आपको हमेशा प्यार। आठ बार के ग्रेमी पुरस्कार विजेता ने लिखा, बंदूक हिंसा का अंत हो। एलीन बारबाडोस के सेंट माइकल इलाके में शाम करीब सात बजे घूम रहे थे, तभी एक व्यक्ति ने उनपर कई चक्र गोलियां दागी और फरार हो गया। उसकी पहचान होनी बाकी है। इसके बाद उन्हें एक निजी वाहन में पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उनकी मौत हो गई।
मुंबई | सलमान खान के 52वें जन्मदिन पर बुधवार को फिल्म निर्माता भूषण कुमार और अतुल अग्निहोत्री ने घोषणा की कि उन्होंने बॉलीवुड सुपरस्टार की नई फिल्म ‘भारत’ का मिलकर निर्माण करेंगे। इस फिल्म का निर्देशन अली अब्बास जफर करेंगे। टी-सीरीज के कुमार ने कहा, हम प्यार किया तो डरना क्या’ का संगीत अधिकार हासिल करने के समय से ही एक लंबे समय से सलमान खान से जुड़े हुए हैं। हमने भाई (सलमान) की दो अन्य फिल्में ‘लकी : नो टाइम फॉर लव’ और ‘रेड्डी’ का निर्माण किया है, दोनों में हमारा सहयोग सफल रहा।उन्होंने कहा, अतुल और मैंने भारत के लिए हाथ मिलाने का निर्णय लिया। यह मानव जीवन पर आधारित एक ऐसा ड्रामा है, जो आपको हद से ज्यादा टच करेगा। अग्निहोत्री सलमान के जीजा भी हैं। उन्होंने कहा, जिंदगी में आप कुछ लोगों के साथ केवल तस्वीरें क्लिक करवाते हैं। भूषण और मैं अतीत में कई बार मिल चुके हैं। कंटेंट को लेकर उनकी संवेदनशीलता हमारे साथ मेल खाती है। इसलिए ‘भारत’ के लिए टी-सीरीज साथ आया। भारत हम दोनों के लिए मूलभूत प्रक्रिया है। इससे पहले अग्निहोत्री सलमान अभिनीत ‘हेलो’ और ‘बॉडीगार्ड’ के निर्माता रह चुके हैं।
नई दिल्ली | संविधान में संशोधन को लेकर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े द्वारा दिए गए विवादित बयान पर बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी। हालांकि, केद्र सरकार ने हेगड़े के बयान से खुद को अलग कर लिया। हेगड़े ने सोमवार को धर्मनिरपेक्ष शब्द की आलोचना की थी और कहा था कि भाजपा सरकार इस शब्द को प्रस्तावना से हटाने के लिए संविधान में संशोधन करेगी। राज्यसभा में कामकाज शुरू होने के कुछ ही देर बाद इसे स्थगित करना पड़ा। इसके बाद सदन की बैठक जब दोबारा शुरू हुई तो सरकार ने हेगड़े की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन को अपराह्न् दो बजे तक के लिए दूसरी बार स्थगित कर दिया गया। विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इस मुद्दे को उठाया। चार दिनों के अवकाश बाद बुधवार को संसद की बैठक शुरू हुई है। इस दौरान कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर उनसे माफी की मांग पर अड़ी रही है।
नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद केंद्रीय मंत्री हेगड़े को लेकर सरकार व भारतीय जनता पार्टी पर जमकर बरसे और उन्होंने कहा कि अगर किसी व्यक्ति का भारतीय संविधान में विश्वास नहीं है तो उसे सदन में या सरकार में रहने का कोई हक नहीं है। आजाद ने कहा, मंत्री का संविधान में कोई भरोसा नहीं है और उन्हें मंत्री रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें यहां तक कि संसद का सदस्य होने का भी अधिकार नहीं है। केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री हेगड़े ने कर्नाटक के कुकनूर में एक कार्यक्रम में सोमवार को कहा था, जो लोग अपने माता-पिता को नहीं जानते वे खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, उनकी खुद की कोई पहचान नहीं होती। उन्हें अपनी जड़ों का पता नहीं होता, लेकिन वे बुद्धिजीवी होते हैं।
उन्होंने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि संविधान में धर्मनिरेपक्षता की बात है और आप को इसे स्वीकारना चाहिए। हम संविधान का सम्मान करेंगे, लेकिन संविधान में कई बार संशोधन हुए और इसमें भविष्य में भी बदलाव होगा..हम यहां संविधान में बदलाव करने के लिए ही आए हैं और हम इसे जल्द बदलेंगे। विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की।सभापति एम. वेकैंया नायडू ने इस आग्रह को अस्वीकार कर दिया और विपक्षी सदस्यों को शून्यकाल में इसका संक्षिप्त रूप से उल्लेख करने की इजाजत दी।
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि यह संविधान को गाली देने जैसा है और इसके निर्माता बी.आर. अंबेडकर का अपमान है। अग्रवाल ने कहा, “यह संविधान को गाली देने जैसा है। क्या कोई संविधान को गाली देकर मंत्री पद पर रह सकता है? यह बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान है। सत्तारूढ़ भाजपा ने अग्रवाल द्वारा विवाद में अनावश्यक रूप से अंबेडकर को खींचने पर आपत्ति जताई।
इस बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। सदन की बैठक जब दोबारा शुरू हुई तो संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि मोदी सरकार भारत के संविधान के प्रति बचनबद्ध है और मंत्री (हेगड़े) की टिप्पणी से सहमत नहीं है। हालांकि, इसके बाद भी विपक्षी सदस्यों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा और वे सभापति के आसन के पास पहुंच गए।
नायडू ने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों से कहा, “जब संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार इससे (हेगड़े के बयान से) सहमत नहीं है तो मामला यहीं खत्म हो जाता है। उन्होंने सदस्यों से अपनी सीट पर जाने के लिए आग्रह किया। फिर भी हंगामा जारी रहने पर उन्होंने सदन को अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
रोम | इटली में अभियोजक आतंकवाद-रोधी इकाई द्वरा गिरफ्तार मारक्को मूल की महिला की जांच कर रहे हैं। एएनएसए न्यूज ने आतंकवाद-रोधी पुलिस डीआईजीओएस के हवाले से बताया कि शुरुआती जानकारी के अनुसार, 35 वर्षीय महिला इस्लामिक स्टेट (आईएस) के एक आतंकवादी से प्रेम के कारण अपने तीन बच्चों के साथ उससे मिलने के लिए कथित तौर पर सीरिया गई थी। इस आतंकवादी से उसकी मुलाकात आनलाइन हुई थी। महिला को फ्रांस के अंतर्राष्ट्रीय वारंट पर मिलान के मालपेंसा हवाई अड्डे से 23 दिसम्बर गिरफ्तार किया गया जहां उसके बच्चों के इतालवी पिता रहते हैं और उन्होंने इसी स्थान पर महिला के लापता होने की जानकारी दी थी। महिला पर इटली में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का आरोप लग सकता है। वह सात महीने की गर्भवती भी है।
अधिकारियों ने नवंबर में महिला का पता लगाया था जब उसे सीरिया से वापस आते समय तुर्की से निष्कासित कर दिया गया था। फ्रांस के अभियोजक यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या वह अपने बच्चों को आईएस की बाल लड़ाकू शाखा में तो नहीं भर्ती कराना चाहती थी। महिला को 29 दिसम्बर को होने वाली प्रत्यर्पण की सुनवाई से पहले मिलान के सैन विटोरे जेल में कैद किया गया है।
हर देश के अपने अलग कानून और कानून होते है। आज से 197 साल पहले अमेरिका के एक स्टेट मिजॉरी में एक ऐसा अजीबोगरीब कानून बनाया गया जिसने सभी को हैरान कर दिया। ये कानून था कुंवारों पर टैक्स लगाने का कानून मिजॉरी में इस कानून को 21 साल से 50 साल के कुंवारे मर्दों पर लागू किया गया था। उस समय सेनों में लोगों की जरूरत पड़ती थी और आबादी तक बहुत कम थी। ऐसे में लोगों पर शादी करके बच्चे पैदा करने का बड़ा दबाव हुआ करता था। ऐसे में शादी की रस्म का अनिवार्यता बना दिया गया था। शादी और परिवार को भले लोगों की निशानी समझा जाता था। ऐसे में अगर कोई शादी की उम्र में भी कुंवारा है तो उसकी नैतिकता पर सवाल उठता था। रोमन साम्राज्य में भी एक ऐसा कानून था। ऑगस्टस सीज़र के दौर यानि 9वीं सदी में ऐसा कानून रोम में चलता था। ऑगस्टस चाहते थे कि सभी शादी कर बच्चे पैदा करें। 2 साल से 60 साल के कुंवारों और बिना बच्चों वाले पुरुषों को जुर्माना देना पड़ता था।