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वाह री यूपी पुलिस, 1 साल के बच्चे को नोटिस

poll violence
negligence of uttar pradesh police, one year old boy peace breaker and instigator poll violence

मुरादाबाद। विचित्र किन्तु सत्य है, उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस ने यहां के ठाकुरद्वारा विधानसभा क्षेत्र के चुनाव के लिए 13 सितम्बर को होने वाले मतदान के दौरान शांतिभंग करने और मतदाताओं को धमकाने की आशंका के कारण एक वर्षीय बालक को नोटिस जारी किया है।…

हाईकोर्ट के 10 अतिरिक्त महाधिवक्ताओं का इस्तीफा

lawyers strike in Rajasthan, 10 additional advocate general resignation
lawyers strike in Rajasthan, 10 additional advocate general resignation

जयपुर। राजस्थान में न्यायिक भ्रष्टाचार को लेकर पिछले 62 दिनों से आंदोलनरत वकील पीछे हटने को तैयार नहीं है। उधर, हाईकोर्ट जज भी वकीलों के दबाज में नहीं आ रहे। गुरूवार को राज्य के 10 अतिरिक्त महाधिवक्ताओं के इस्तीफा दे देने के बाद वकीलों ने न्यायिक प्रशासन पर उनके खिलाफ दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाया है।…

सुसाइड नोट से खुला राज, जीजा और ब्वॉयफ्रेंड ने करा था रेप

suicide note
suicide note of rape victim mumbai girl leads to the two men

मुंबई। एक लड़की जो अब इस दुनिया में नहीं है। पर दुनिया से जाने से पहले वह ऐसा कड़वा सच लिख गई जो रिश्तों को शर्मसार कर देने वाला है। इस लड़की के साथ दो बार रेप हुआ। सबसे पहले होने वाले जीजा ने शादी से एक दिन पहले उसकी अस्मत से खिलावाड़ किया उसके बाद जब वह कॉलेज पढ़ने गई तो वहां बने एक फ्रेंड ने भी एक दिन जबरदस्ती उसके साथ गंदा काम कर डाला। मंगलवार रात इस लड़की ने गले में फंदा लगाकर जान दे दी।…

किसने चुराई उस्ताद बिस्मल्लाह खान की शहनाई

ustad bismillah khan
ustad bismillah khan’s shehnai stolen

वाराणसी। शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान आखिरी सांस तक सोते जागते जिस शहनाई को अपने सिरहाने रखा करते थे वह शहनाई लापता है। शहनाई चोरी हो गई या फिर किसी ने उसे बदनीयत से कहीं खुर्द बुर्द कर दिया यह सवाल बरकरार है।…

अस्पृश्यता निवारण – विहिप का उड्डुपी सम्मेलन

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अस्पृश्यता निवारण – विहिप का उड्डुपी सम्मेलन
अस्पृश्यता निवारण – विहिप का उड्डुपी सम्मेलन

रामफल सिंह ‘रामजी भाई’ नेअपनी पुस्तक मध्यकालीन धर्मयोद्धा में लिखा हैकि दुनिया में एकमात्र हिन्दूसमाज ही ऐसा है जिसकी रचना पारिवारिक भावभूमि पर हुई है. हमारेसमाज रचनाकार महान पूर्वजों ने कहा हैकि ‘माता भूमि पुत्रोहम पृथिव्या’ अर्थात यह भारत भूमि हमारी माता हैऔर हम इसकेपुत्र हैं. इस भावभूमि से ही ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ अर्थात पूरी वसुधा ही हमारा परिवार है, की परिकल्पना अस्तित्व में आई. भारत का यह समाज मात्र चिंतन – मनन तक ही सीमित नही रहा अपितुभारतीय मनीषी संसार केकोने – कोनेमेंमानवता का सन्देश लेकर निकल पडे…